कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर लखनऊ जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ का प्रसिद्घ फन माल सील कर दिया है।बताया जा रहा है कि माल में कोरोना के तहत जारी प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा था। बता दें कि प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बुधवार को ही प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए थे। प्रशासन ने पूरे माल को सील कर दिया है। फन माल के अलावा समिट बिल्डिंग का माय बार भी प्रशासन ने सील कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग व सर्विलांस में तेजी लाई जाए। जिलाधिकारी कोविड नियंत्रण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए पूरी सतर्कता बरतें।
मुख्य सचिव ने कहा था कि कोविड चिकित्सालयों को पूरी क्षमता से चलाया जाए और स्थानीय आवश्यकताओं का आंकलन कर कोविड चिकित्सालयों की संख्या बढ़ाई जाए। बाहरी प्रदेशों से रेल, सडक़ व हवाई मार्ग से आने वालों की चेकिंग हो। बड़ी संख्या में लोग होम आइसोलेशन में जा रहे हैं। इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से फोन करके उनका हालचाल लिया जाए। कमांड सेंटर पर प्रतिदिन डीएम, एसपी, सीएमओ की बैठक हो। जिसमें टेस्टिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस व इंफोर्समेंट की प्रगति की समीक्षा की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा संस्थानों, सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में अग्निशमन की व्यवस्थाओं की चेकिंग कराकर सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित कराया जाए।
राजधानी लखनऊ में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि 28 मार्च को सैंपलिंग का आंकड़ा 15 हजार पार कर गया था, जो अब पांच हजार के आस-पास है, बावजूद इसके भरपूर मरीज मिल रहे हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोरोना के केसों में आया उछाल इसके स्ट्रेन बदलने से नहीं, बल्कि लोगों की लापरवाही का नतीजा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट अनुसार बुधवार को 361 लोगों में संक्रमण मिला। चार की मौत भी हो गई। वहीं, 142 लोगों ने वायरस को हराया।
इसके साथ राजधानी में सक्रिय मामले 3,138 हो गए। पिछले तीन महीने में पहली बार यह आंकड़ा तीन हजार के पार हुआ हे। युवा और बुजुर्गों के साथ केजीएमयू में तीन बच्चों को भर्ती करना पड़ा। बीते चार दिनों में बुधवार को संक्रमण के मामले सबसे कम रहे, जिसकी वजह होली पर कम सैंपल लिया जाना है। त्योहार के बाद सैंपल की संख्या बढ़ने के साथ संक्रमितों की संख्या में उछाल आने की आशंका है।
राजधानी में संक्रमण दर मंगलवार को 4.73 प्रतिशत थी, जो बुधवार को बढ़ गई। मंगलवार को लिए 5207 सैंपल में 361 मरीज मिलने के आधार पर संक्रमण दर 6.93 प्रतिशत के करीब रही।
मार्च की शुरुआत से जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसे लेकर तमाम चर्चाएं हैं। कोरोना का नया स्ट्रेन आने की चर्चा भी हो रही, पर विशेषज्ञों ने इसे खारिज किया है। केजीएमयू में कोविड के नोडल प्रभारी डॉ. जेडी रावत के अनुसार जो मामले आ रहे हैं उनमें पहले जैसे ही लक्षण हैं।
कोरोना के केसों में आया उछाल लापरवाही का नतीजा है। डॉ. जेडी रावत के अनुसार इस समय आ रहे मरीजों में पहले की तरह सर्दी, जुकाम, बुखार, उल्टी, दस्त और कमजोरी के लक्षण हैं। 50 साल से ज्यादा उम्र वाले और डायबिटीज, शुगर, गुर्दा और दिल की बीमारियों से ग्रसित मरीजों पर इसका प्रभाव ज्यादा दिख रहा है।
संक्रमण के बाद स्थिति गंभीर होने की शिकायत भी ज्यादातर इन्हीं में आ रही है। डॉ. रावत के अनुसार लोगों ने सामाजिक दूरी, मास्क लगाने और हाथ धोने जैसी मामूली बातों को भी नजरअंदाज करना शुरू कर दिया है। इससे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
कोरोना ने डीआरएम को भी अपनी चपेट में ले लिया। इसके साथ कार्यालय में संक्रमितों का आंकड़ा 50 पार कर गया। थर्मिट प्लांट में भी 32 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं, आरडीएसओ कार्यालय में कोरोना केसों का आंकड़ा 150 के पार पहुंच गया। इनके संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।
जिला जज व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भी बुधवार को संक्रमित निकले। इस पर सीएमओ ने पत्र लिखकर कोर्ट 48 घंटे के लिए बंद कर सैनिटाइजेशन कराने की अपील की है।
राजधानी के 10 कोविड अस्पतालों में कुल 717 बेड में से 438 फुल हैं। इनमें से आइसोलेशन वाले बेड की संख्या अच्छी खासी है, पर आईसीयू में भर्ती मरीजों का प्रतिशत अपेक्षाकृत काफी अधिक है। इस समय कोविड अस्पतालों के 186 आईसीयू वाले बेड में से 166 पर मरीज भर्ती हैं और सिर्फ 20 खाली हैं।
कोविड अस्पतालों के कुल 717 बेड में 347 आइसोलेशन, 184 एचडीयू और 186 आईसीयू वाले हैं। आइसोलेशन में 150 मरीज भर्ती और 197 खाली हैं। एचडीयू के 122 मरीज भर्ती और 62 खाली हैं। आईसीयू के 186 में से सिर्फ 20 बेड ही खाली हैं। माना जा रहा है कि बेड की संख्या कुछ दिनों में एक हजार के पार हो जाएगी।