बीजेपी सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस पर महज सत्ता के लिए महात्मा गांधी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। वहीं, कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उनसे सवाल कर डाला कि वह संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर और दीनदयाल उपाध्याय की विचारधाराओं पर एक साथ कैसे चल सकते हैं। दोनों की ही विचारधाराएं भिन्न थीं। खड़गे ने सरकार से कहा कि पेट्रोल और डीजल पर लगाई गई एक्साइज ड्यूटी से सरकार को छह लाख करोड़ की कमाई हुई है। सदन में सरकार इसके खर्च का ब्यौरा पेश करे।
भाजपा के राकेश सिंह और प्रह्लाद जोशी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि पहले घोटालों और भ्रष्टाचार की बात होती थी और अब विकास और स्वच्छता की बात होती है। भाजपा सांसदों का कहना था कि देश की आजादी के बाद से ज्यादातर समय कांग्रेस सत्ता पर काबिज रही और उसने विकास के लिए कुछ नहीं किया। खड़गे ने इसी को हथियार बनाते हुए कांग्रेस की उपलब्धियों का सिलसिलेवार ब्योरा दे डाला। इनमें पंचवर्षीय योजनाओं, सिंचाई, बांधों का निर्माण, इसरो की स्थापना, 1971 का युद्ध, 1974 में परमाणु परीक्षण के अलावा जमीन से लेकर आसमान तक विकास करने का हवाला दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र को जिंदा रखने की कोशिश की जबकि भाजपा सरकार ने सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर लोगों के बोलने की आजादी पर रोक लगा दी है।
खड़गे ने कहा कि पीएम संसद में कई मौकों पर अंबेडकर के आदर्शों की बात कर चुके हैं, साथ ही वह दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को भी मानते हैं, लेकिन अंबेडकर के संविधान में दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा शामिल नहीं है। ऐसे में पीएम दोनों की विचारधाराओं पर एक साथ कैसे चल सकते हैं?
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