विभिन्न राज्यों में रक्षा मंत्रालय की जमीन पर स्थानीय लोगों ने कब्जा कर लिया है। सरकार की नाक तले यह कब्जा हुआ है, मगर किसी को भनक तक नहीं लगती। रक्षा मंत्रालय ने जब अपनी भूमि पर कोई प्रोजेक्ट या भवन निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कदम आगे बढ़ाया तो पता चला कि वहां पहले ही निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
कहीं पर शेड बना है, तो कहीं पर मकान। केवल इतना ही नहीं, लोगों ने रक्षा मंत्रालय की जमीन पर कामधंधा भी शुरू कर रखा है। पिछले तीन वर्षों में रक्षा मंत्रालय की 47.579 एकड़ भूमि पर कब्जा होने की बात सामने आई है।
इतना ही नहीं, इस अवधि में पहले से 174.3172 एकड़ भूमि पर हुआ कब्जा हटाया भी गया है। रक्षा मंत्रालय एक जगह से अवैध निर्माण/अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो उस वक्त तक किसी दूसरी डिफेंस साइट पर कब्जा होने की सूचना मिल जाती है।
साल 2017, 2018, 2019 व फरवरी 2020 तक रक्षा मंत्रालय की जमीन पर अवैध निर्माण/अतिक्रमण की बात करें, तो इसमें हरियाणा टॉप पर है। इस अवधि के दौरान कुल 47.579 एकड़ भूमि पर कब्जे की बात सामने आई थी, जिसमें से हरियाणा में 17.628 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हुआ है।
इसी तरह यदि कब्जा हटाने की रिपोर्ट पर गौर करें तो मालूम होता है कि पिछले तीन वर्षों में 174.3172 एकड़ भूमि को लोगों के कब्जे से मुक्त कराया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश में 72.2048 एकड़ भूमि, हिमाचल प्रदेश में 39.6743 एकड़ जमीन और हरियाणा में 34.9853 एकड़ जमीन शामिल है।