योगी सरकार ने प्रदेश के बड़े माफिया नेटवर्क को धराशायी करने का बड़ा अभियान चलाया है. अभियान में निशाने पर मुख्य रूप से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, अनिल दुजाना और सुंदर भाटी हैं. इन माफिया सरगनाओं की संपत्ति को जब्त करने के साथ ही इनके गुर्गों पर कार्रवाई की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक यूपी में 40 माफिया सरगनाओं पर यूपी सरकार और पुलिस की टेढ़ी नज़र है, जिसके चलते उनकी करीब 300 करोड़ रूपये की अवैध सम्पत्ति और अवैध धंधे बंद कराये जा चुके हैं. यूपी सरकार ने अब तक प्रदेश में गैंगस्टर एक्ट मे 495 मुक़दमे दर्ज किए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मु्ख्तार अंसारी के गुर्गों और करीबियों के खिलाफ है.
पुलिस ने माफिया के खिलाफ इस बड़े अभियान में अब तक आगरा जोन में 48 करोड़, वाराणसी जोन मे 47 करोड, बरेली जोन मे 25 करोड़, इसी तरह आजमगढ, गाजीपुर, नोएडा में करीब दस-दस करोड़ रूपयों की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है. अकेले मुख्तार अंसारी की ही 100 करोड़ रूपये की सम्पत्ति सरकार जब्त कर चुकी है.
कल ही लखनऊ के सबसे पॉश इलाकों में से एक हजरतगंज के डाली बाग में मुख्तार अंसारी की करोड़ों की संपत्ति को जमींदोज कर दिया गया. मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर के नाम पर संपत्ति थी. लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम 20 जेसीबी और 250 से अधिक पुलिसकर्मियों और पीएसी के साथ मौके पर पहुंची और दो मंजिला बिल्डिंग गिरा दी गईं.
लखनऊ विकास प्राधिकरण की माने तो प्राधिकरण के दस्तावेजों में दर्ज गाटा संख्या 93 का यह हिस्सा शत्रु या निष्क्रांत संपत्ति है, जिसको 20 साल पहले दस्तावेजों में हेराफेरी कर पहले मुख्तार अंसारी की मां राबिया के नाम दर्ज कराया गया और फिर मुख्तार के दोनों बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी इस सरकारी संपत्ति के मालिक बन बैठे.
लखनऊ विकास प्राधिकरण की इस जमीन पर बने अवैध निर्माण को गिराने में जो खर्च आया उसको भी अब्बास अंसारी और उमर अंसारी से वसूला जाएगा. साथ ही एफआईआर दर्ज कर उन अफसरों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं, जिनके कार्यकाल में इस सरकारी जमीन पर न सिर्फ कब्जा हुआ बल्कि निर्माण तक करा दिया गया.