राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच अब भारतीय जनता पार्टी भी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करने जा रही है. 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का अहम सत्र शुरू होने जा रहा है. इससे पहले बीजेपी अपने सभी विधायकों को टूटने से बचाने की कोशिश कर ही है.
रिपोर्ट के मुताबिक उदयपुर संभाग के 12 विधायकों को गुजरात भेजा गया है. बताया जा रहा है कि ये विधायक खुद से घूमने के लिए गुजरात गए हैं और शनिवार को सोमनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे.
मगर सूत्रों के अनुसार पार्टी ने इन विधायकों को गुजरात भेजा है. ये विधायक 12 अगस्त तक गुजरात में ही रहेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि कुछ और विधायकों को मध्य प्रदेश शिफ्ट किया जा सकता है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी बहुजन समाज पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में विलय पर आने वाले हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी. अगर यह कांग्रेस के खिलाफ फैसला आता है तो भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करेगी, क्योंकि ऐसा आशंका जताई जा रही है कि कांग्रेस बीजेपी के विधायकों में सेंधमारी कर सकती है.
इधर दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद इन विधायकों को गुजरात शिफ्ट किए जाने पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
इनमें से ज्यादातर विधायक वसुंधरा राजे के समर्थक हैं. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है मगर वसुंधरा के करीबी कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से पार्टी की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जताई है.
वसुंधरा गुट के अनुसार यह भी कहा जा रहा है कि जेपी नड्डा से वसुंधरा राजे ने कह दिया है कि वे पार्टी के साथ हैं मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगी. कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे अभी 12 अगस्त तक दिल्ली में ही रहेंगी और 13 को जयपुर लौटेंगी.
हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि बीजेपी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी नहीं कर रही है मगर जरूरत पड़ी तो विधानसभा से पहले प्रशिक्षण के नाम पर विधायकों को जयपुर में बुलाया जा सकता है.