उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण स्तर का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सीरोलॉजिकल सर्वे कराएगा. जानकारी के मुताबिक, 5 अगस्त से इसकी शुरुआत की संभावना है. इस सर्वे में रैंडम लोगों के खून के नमूने लेकर एंटीबॉडी की जांच होगी और पता किया जायेगा कि कैसे नमूनों मे प्रतिरोधक क्षमता कैसी है.

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एक लाख किट खरीद रहा है, जिससे ये परीक्षण जगह जगह किया जायेगा. शुरूआती सर्वे में आगरा, मेरठ सहित ऐसे जिलों का शामिल किया जा रहा है ,जहां संक्रमण अधिकतम होने के बाद अब कम हो रहा है. वहां पर प्रतिरोधक क्षमता के बारे मे ज्यादा सटीक आंकड़े आने की गुंजाइश है.
इस मामले में सरकार का मानना है कि संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने या जोखिम के स्तर के बारे में वास्तविक डाटा का पता लगाने का एकमात्र तरीका लोगों में एंटीबॉडी की उपस्थिति का परीक्षण है.
सीरो सर्वे एक विश्व स्तर पर इस्तेमाल किया जाने वाला विश्वसनीय तरीका है, जो एक निश्चित संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी के लेवल को मापता है.
इस तकनीक का उपयोग इसलिए भी किया जाता है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण की जांच की जा सके और लोगों की प्रतिरोधक क्षमता का स्तर देखा जा सके.
देश में दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सीरो सर्वे पहले से हो रहे हैं. अब उत्तर प्रदेश में भी इसकी शुरूआत होने जा रही है.
उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 75 हजार से अधिक हो गया है, जिसमें अब तक 1587 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना से अब तक 46 हजार से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 32 हजार से अधिक है. बीते दिनों में कोरोना के मामले तेजी से आ रहे हैं.
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