पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 20 से 25 दिन पहले ही हो सकते हैं. ऐसा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने media को बताया कि बंगाल के लिए चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और आयोग चुनाव को थोड़ा पहले करवा लेना चाहता है, ताकि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान दिक्कत न हो.
रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी के पहले सप्ताह में ही बंगाल चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग कर सकता है. सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग 5 मई से पहले पहले बंगाल में चुनाव की प्रक्रिया खत्म कर लेना चाहता है. मौजूदा सरकार का कार्यकाल 30 मई तक है.
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस बार 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से लेकर 10 जून तक चलेंगी. हालांकि सीबीएसई ने अभी परीक्षा कार्यक्रम और तिथियों की घोषणा नहीं की है.
बंगाल के राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात के दौरान चुनाव आयोग ने राज्य में जल्दी चुनाव करवाने के संकेत दिए हैं. टीएमसी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पार्टी भी चुनाव के लिए तैयारी कर रही है.
हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा दो और आयुक्तों सुशील चंद्रा और राजीव कुमार के साथ बंगाल के दो दिनों के दौरे पर थे. इनके साथ पश्चिम बंगाल के प्रभारी और उप चुनाव आयुक्त संदीप जैन भी मौजूद थे. इन अधिकारियों ने बंगाल में चुनाव तैयारियों का विस्तृत जायजा लिया.
बंगाल चुनाव को लेकर आज चुनाव आयोग की मीटिंग भी है. इसमें बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी भी शामिल होंगे.
चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से राज्य में चुनाव ज्यादा चरणों में करवाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार चुनाव 7 से 8 फेज में होंगे. 2016 में चुनाव अप्रैल 4 से लेकर मई 5 तक 6 चरणों में हुए थे.
चुनाव आयोग ने पर्याप्त संख्या में EVM और वीवीपैट मुहैया कराने का वादा किया है, बता दें कि राज्य में पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ गई है. पिछले चुनाव में पश्चिम बंगाल में 78,903 स्टेशन थे, जो कि इस बार बढ़कर 1,01,790 हो गया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील आरोड़ा ने राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया है कि चुनाव के दौरान राज्य के पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जाएगी. चुनाव में ज्यादातर CRPF और CAPF की तैनाती की जाएगी. बता दें कि पिछले कुछ दिनों में बंगाल में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा हुई है.