भारत-चीन सीमा पर चीन की सक्रियता बढ़ने के बाद भारत ने भी सुरक्षा तंत्र मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। चीन सीमा से लगे बेदांग में आईटीबीपी हेलीपैड बनाने जा रही है। हेलीपैड बनने के बाद जवानों को खाद्य सामग्री समेत अन्य जरूरी चीजों की आसानी से आपूर्ति हो सकेगी।
समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर दावे में भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी की अंतिम चौकी है। इससे पहले बेदांग नामक स्थान पर हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा। वहां हेलीपैड बनने से आईटीबीपी समेत सभी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को राहत मिलेगी।
अरुणाचल में भारत-चीन सीमा विवाद के बाद चीन ने सीमांत जिले पिथौरागढ़ से लगे क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। चीन एचडी कैमरों की मदद से भारत की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है।
भारतीय जवान भी मुस्तैदी से सीमा पर सात से आठ फीट तक की बर्फबारी में गश्त कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक 36वीं वाहिनी आईटीबीपी ने बेदांग में हेलीपैड बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद हेलीपैड का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
चीन सीमा पर तनाव के बाद पहली बार जवान 10 हजार फीट से 16 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात हैं। आईटीबीपी के हिमवीर सीमा पर रहकर हर सुविधाओं को दरकिनार कर देश सेवा में जुटे हैं। सेना के जवान भी सीमा पर ड्रैगन का हर जवाब देने के लिए डटे हैं।
बेदांग पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 200 किमी दूर है। यहां पहुंचने के लिए भारतीय जवानों के पास सिर्फ गुंजी में हेलीपैड है। यहां से जवानों को कुछ दूरी तक वाहन से और इसके बाद 20 किमी पैदल आवाजाही करनी होती है।
जिला मुख्यालय से चलने के बाद पहले जवान धारचूला पहुंचते हैं। इसके बाद सोबला, दर और ढाकर पहुंचते हैं। जवानों को ढाकर से गुंजी पहुंचने के लिए 20 किमी पैदल चलना पड़ता है।