सुशांत सिंह राजपूत निधन केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिया चक्रवर्ती से पूछताछ में वित्तीय हेराफेरी के कई अहम खुलासे होते जा रहे हैं. इसकी शुरुआत सुशांत के बैंक खाते से करीब 15 करोड़ रुपए की हेरा फेरी से शुरू हुई थी जो अब उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट्स तक जा पहुंची है.
इस पूछताछ में रिया ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को बताया कि कुछ रकम कम्पनी का लेखा जोखा रखने वाले दो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के नाम मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दरम्यान करीब दो करोड़ 65 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए.
सूत्रों के मुताबिक सुशांत ने अपनी बड़ी बहन के नाम साढ़े चार करोड़ रुपए फिक्स डिपॉजिट कराए थे लेकिन रिया के सुशांत की ज़िंदगी में आने के बाद दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने रिया और उसके भाई की मिली भगत से ढाई करोड़ रुपए पार करा दिए यानी फिक्स डिपॉजिट दो करोड़ ही रह गया.
इसके अलावा भी सुशांत की कम्पनी के हिसाब किताब, बैंक खातों और जमा रकम के गणित में कई संदिग्ध लेनदेन के सुराग ईडी को मिले हैं लेकिन रिया इस बाबत सवालों का सही जवाब देने में काफी ढुल मुल रवैया अपना रही हैं.
इससे पहले सुशांत के पिता के के सिंह ने अपने बयान में कहा था कि मेरे बेटे के एक बैंक स्टेटमेंट से पता चला कि उस बैंक के खाते में 17 करोड़ रुपए थे. पिछले 1 साल में 15 करोड़ निकाले गए हैं. जिन जगहों पर यह पैसे ट्रांसफर हुए, उनका मेरे बेटे से कोई लेना-देना नहीं था.
मेरे बेटे के सभी खातों की जांच की जाए. इन बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड से कितना पैसा रिया ने अपने परिवार और सहयोगियों के साथ धोखेबाजी से निकाला, इसकी जांच होनी चाहिए.
के के सिंह ने ये भी कहा था कि उन्हें इस मामले में मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है इसलिए उन्होंने बिहार में रिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. सुशांत के सीए ने अपने बयान में कहा कि रिया ने कुछ पैसे तो खर्च किए हैं लेकिन उनके अकाउंट में किसी तरह का बड़ा ट्रांसफर नहीं किया गया है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि सुशांत की नेट वर्थ भी उतनी नहीं है जितना फैमिली द्वारा दावा किया जा रहा है.