उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई दुष्कर्म की घटना से पूरे देश में गुस्सा चरम पर है। देश की कई बड़ी हस्तियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रही हैं। इसी कड़ी में कवि डॉ. कुमार विश्वास ने बुधवार को ट्वीट कर योगी सरकार और हाथरस पुलिस पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा ”सूर्यास्त के बाद, विधान के विपरीत, घरवालों से छुपाकर,जबरन,अपनी सरकार व पुलिस के बल पर गुपचुप तरीके से “हम सदा शासक रहेंगे” की सोचवाले अहंकारी अंग्रेजों ने शहीद ए आजम भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु को बिना अंतिम संस्कार किए जलाया था।”
परिवार का आरोप है कि देर रात हाथरस पुलिस ने बिना अनुमति के रेप पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया था। हाथरस पुलिस के इस रवैये को गैर जिम्मेदाराना माना जा रहा है।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर को मवेशियों के लिए चारा लेने खेत गई 19 वर्षीय दलित लड़की को गांव के ही चार युवकों ने अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया था। हैवानों ने युवती के साथ दरिंदगी करने के बाद उसको जान से मारने की नीयत से उसका गला दबाया था, जिससे युवती के गर्दन की हड्डी टूट गई थी।
लड़की को पहले अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, फिर हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था।
यहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह पीड़िता की मौत हो गई। इसके बाद पीड़िता के शव को देर रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन द्वारा जबरन अंतिम संस्कार कर देने से पूरे देश के लोगों में गुस्सा है, लोगों ने इसे घोर अमानवीय करार दिया है।
मृतका के भाई ने कहा कि जिला प्रशासन ने जबरदस्ती शव का अंतिम संस्कार किया है। परिजनों की इसमें कोई रजामंदी नहीं थी। लड़की के भाई ने तो यहां तक कहा है कि जो अंतिम संस्कार हुआ है, वह हमारी बहन भी थी या नहीं, हमें यह भी नहीं पता। अब दबंगों के डर से गांव से भी पलायन करना पड़ सकता है।
पीड़िता के भाई ने बताया कि, उन्होंने हमारी कोई राय नहीं ली जो किया अपनी मर्जी से किया। हम डरे हुए हैं। पुलिस ने हम पर दबाव डाला कि हम दीदी के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाएं।
पीड़िता के भाई ने ये भी कहा कि हम सुबह अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन पुलिस को बहुत जल्दी थी और वह हम पर दबाव बना रहे थे कि अंतिम संस्कार जल्द से जल्द हो। पुलिस ने कहा कि पीड़िता को मरे हुए 24 घंटे हो गए हैं और शव खराब हो रहा है। हम अंतिम संस्कार सुबह करना चाहते थे ताकि हमारे अन्य रिश्तेदार भी वहां पहुंच जाएं।
भाई ने आगे कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की जांच हो और दोषियों को फांसी पर लटकाया जाए। हम अपने लिए सुरक्षा भी चाहते हैं। प्रशासन हम पर बहुत दबाव डाल रहा है। हमें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है, इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
भाई व अन्य परिवार वालों के आरोप पर हाथरस के जिलाधिकारी ने कहा कि यह आरोप गलत है कि अंतिम संस्कार बिना परिवार की मर्जी के हुआ। वहीं एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश मीणा का कहना है कि पूरी रीति रिवाज के साथ परिजनों की सहमति के आधार पर अंतिम संस्कार किया गया है। पिता और भाई ने रात में अंतिम संस्कार करने की सहमति दे दी थी। परिवार वाले भी अंतिम संस्कार में मौजूद थे।