उत्तर प्रदेश में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध करने का अनोखा तरीका अपनाया है। किसान कानूनों के विरोध में अपनी फसल खुद बर्बाद कर रहे हैं।बिजनौर के चांदपुर इलाके में एक किसान ने अपनी पांच बीघा गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। उसके वीडियो वायरल हो रहा है। साथ ही फेसबुक पर वीडियो वायरल करते हुए भाकियू जिलाध्यक्ष दिगंबर सिंह ने दावा किया है कि बिजनौर में फसल नष्ट करने का अभियान शुरू हो गया है।
कृषि कानूनों के विरोध में तीन माह से किसानों का आंदोलन चल रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जगह-जगह कानूनों के विरोध में किसान पंचायतें हो रही हैं। चांदपुर तहसील के गांव कुलचाना निवासी किसान सोहित कुमार ने शनिवार की सुबह ट्रैक्टर व हैरो लेकर पांच बीघा जमीन पर खड़ी गेहूं व जौ की फसल की जुताई कर दी।
सूचना पर नायब तहसीलदार ब्रजेश कुमार गांव कुलचाना पहुंचे और जोती गई फसल को देखा, साथ ही सोहित से बात की। उनसे सोहित ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में फसल की जुताई की है। फसल का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। एमएसपी सही मिलनी चाहिए। मंडी में दाम कुछ है और आढ़ती कुछ बता रहे हैं। नायब तहसीलदार ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि इस तरह का कोई कदम न उठाएं। इससे किसानों का नुकसान है। कोई बात है तो उन्हें बताएं वे किसानों की बात शासन तक पहुंचाएंगे।
भाकियू जिलाध्यक्ष दिगंबर सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने टैग लाइन दी है मोदी जी देख लो किसानों का दिल, बिजनौर में शुरू हुआ फसल नष्ट करने का अभियान।
सोहित ने नायब तहसीलदार को दिए बयान में कहा कि कृषि बिल के विरोध में उसने अपनी गेहूं व जौ की मिक्स फसल की जुताई की। फसल की लागत अधिक आ रही है। सरकार ने गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया। गन्ने का भुगतान भी नहीं मिल रहा। इसलिए उसने यह कदम उठाया हैं।