तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रूथ बेडर गिंसबर्ग के निधन से खाली हुए पद के लिए जज एमी कोने बैरेट को नामित किया है। 48 साल की बैरेट इस समय सातवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स की जज हैं। इस पद के लिए भी ट्रंप ने ही 2017 में उन्हें नामित किया था।
राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में इसकी घोषणा की। ट्रंप ने कहा, ‘आज मुझे यह सम्मान मिला है कि मैं अपने देश के सर्वाधिक मेधावी और कानून की गहरी समझ रखने वाली शख्सियत को सुप्रीम कोर्ट के लिए नामित करूं। वह अतुलनीय उपलब्धियां हासिल कर चुकीं, परम ज्ञानवान और संविधान के प्रति निष्ठा रखने वाली जज एमी कोने बैरेट हैं।’ बैरेट अपने पति और सात बच्चों के साथ इंडियाना प्रांत में रहती हैं।
तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अब 40 से भी कम दिन बचे हैं। ऐसे में जज को नामित करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी संविधान के तहत यह उनका सर्वोच्च और सबसे अहम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि बैरेट इस पद के लिए बेहद योग्य हैं। मैंने देखा और पाया कि वह इस जिम्मेदारी के लिए बहुत योग्य हैं। वह शानदार साबित होंगी। राष्ट्रपति द्वारा नामित होने के बाद बैरेट के नाम को सीनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत होने के नाते इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी।
नामित होने के बाद बैरेट ने ट्रंप का आभार जताते हुए कहा, ‘मैं समझती हूं कि राष्ट्रपति के लिए यह कितना अहम निर्णय है। अगर मुझे सीनेट का विश्वास प्राप्त होता है तो मैं पूरी क्षमता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करूंगी। मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्यार करती हूं।’
राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन ने बैरेट को नामित किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही नई नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने सीनेट से इस नियुक्ति का अनुमोदन नहीं करने का अनुरोध किया है।
बिडेन ने कहा कि बैरेट का ट्रैक रिकार्ड अच्छा नहीं है। अमेरिका के लोगों को पता है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करते हैं। सीनेट को इस पर तब तक फैसला नहीं करना चाहिए, जब तक कि लोग नया राष्ट्रपति नहीं चुन लेते।
ट्रंप ने कहा बैरेट की नियुक्ति के अनुमोदन के लिए सीनेट की सुनवाई 12 अक्टूबर से शुरू हो सकती है। सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष लिंडसे ग्राहम ने कहा कि यह प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी। हम इसे राष्ट्रपति चुनाव से पहले पूरा कर लेना चाहते हैं।