सर्वोच्च संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल से जुड़े सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड जब गुरुवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल होंगे तो चर्चा का प्राथमिक एजेंडा अगले अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया होगी क्योंकि ICC ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि T-20 विश्व कप के भाग्य पर अंतिम निर्णय अगले महीने लिया जाएगा।
वर्तमान में यह पद भारत के शशांक मनोहर के पास है। नाम न छापने की शर्त पर आईसीसी बोर्ड के सदस्य ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘मुझे अभी भी यकीन नहीं है कि चुनाव की तारीख (या चयन) की घोषणा की जाएगी या नहीं।
जाहिर तौर पर प्राथमिक एजेंडा शशांक मनोहर के प्रतिस्थापन की नामांकन प्रक्रिया पर चर्चा है। चूंकि सभी सदस्य मिलेंगे तो वे अपने-अपने देशों के बोर्ड की स्थिति के बारे में अपडेट करेंगे। हालांकि, कोई ठोस घोषणा की उम्मीद नहीं है।
सदस्य ने कहा कि बोर्ड को विशिष्ट ईमेल लीक होने के मामले में चल रही जांच की जानकारी भी दी जा सकती है। चेयरमैन के पद के लिए उम्मीदवारी पेश करने के लिए सदस्य का कम से कम दो बोर्ड बैठक में हिस्सा लेना अनिवार्य है और साथ ही उसको संबंधित देश के मौजूदा या पूर्व निदेशक (बोर्ड सदस्य) द्वारा नामित किए जाने की जरूरत है।
आईसीसी बोर्ड में चेयरमैन, टेस्ट खेलने वाले 12 देश, तीन एसोसिएट सदस्य (मलेशिया, स्कॉटलैंड और सिंगापुर बारी के अनुसार), स्वतंत्र महिला निदेशक (इंदिरा नूयी) और मुख्य कार्यकारी मधु साहनी शामिल हैं।
चुनाव की स्थिति में मुख्य कार्यकारी के पास मतदान का अधिकार नहीं होता। फिलहाल इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स वैश्विक संस्था के चेयरमैन के रूप में मनोहर की जगह लेने के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली की दावेदारी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गांगुली या बीसीसीआई दोनों में से किसी ने अभी उनकी दावेदारी की संभावना को नहीं नकारा है, लेकिन काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि उच्च न्यायालय बीसीसीआई का अंतरिम आवेदन स्वीकार करता है या नहीं जिसने अपील की है कि गांगुली और सचिव जय शाह को छह साल के बाद पद से अनिवार्य ब्रेक के नियम से छूट दी जाए।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी पहले ही खुद को इस दौड़ से अलग कर चुके हैं। पता चला है कि अगर अनिवार्य ब्रेक से छूट दी जाती है तो गांगुली का दावेदारी पेश करना बुरा विचार नहीं है।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘हमें अब तक नहीं पता कि सौरव गांगुली की राजनीतिक इच्छाएं हैं या नहीं। अगर ऐसा होता है तो वह एक साल के लिए आईसीसी चेयरमैन बन सकते हैं और इसके बाद 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।’