कोरोना वायरस मरीजों के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, वहीं इस दौरान सभी माता- पिता, बच्चे एक सवाल के बीच जूझ रहे हैं कि आखिर स्कूल कब खुलेंगे?
एक ओर पूरे भारत में कोरोना मरीजों के आंकड़े 20 लाख के पार पहुंच गए हैं, वहीं इसी बीच केंद्र सरकार सितंबर के महीने से स्कूलों को फिर से खोलने के लिए चर्चा कर रही है.
सरकार का विचार है कि बड़ी कक्षाओं (10वीं-12वीं) के लिए स्कूल सितंबर और नवंबर के बीच शुरू हो सकते हैं. दिशानिर्देश के अनुसार कक्षा 10वीं-12वीं के लिए पहले स्कूल खोले जाने पर विचार किया जा रहा है, जिसके बाद कक्षा छठी से 9वीं तक की कक्षाओं भी शामिल होंगी.
बता दें, इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में चर्चा की गई है.
पहले चरण में, कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को स्कूल आने के लिए कहा जाएगा. यदि किसी स्कूल में एक ही कक्षा के चार सेक्शन है, तो ऑल्टरनेटिव दिनों में हर दो सेक्शन के छात्रों को बुलाया जाएगा.
स्कूल का समय आधा कर दिया जाएगा. जहां 5 से 6 घंटे आमतौर पर स्कूल चलते हैं. उसे 2 से 3 घंटे कर दिया जाएगा. इसी के साथ स्कूल को एक घंटे का समय सैनिटाइज करने के लिए दिया जाएगा. वहीं स्कूल में 33% स्टाफ को आने की अनुमति होगी.
स्कूल को लेकर निर्णय को इस महीने के अंत में जारी किया जा सकता है. वहीं अंतिम निर्णय राज्यों पर छोड़ा जा सकता है कि छात्रों को स्कूलों में वापस कैसे बुलाया जाए.
बता दें, पिछले हफ्ते सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को लिखे पत्र में, मंत्रालय ने उन्हें माता-पिता की प्रतिक्रिया प्राप्त करने का निर्देश दिया था.
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों ने अभी नहीं बताया कि उनके राज्यों में स्कूल कब खोले जा सकते हैं.
वहीं कई माता-पिता सरकार के स्कूल दोबारा खोलने के विचार पर संदेह कर रहे हैं. क्योंकि देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि जारी है.
वहीं एक पिता ने बताया, मेरा बेटा दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ता है, कोरोना काल में बेटे को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हूं. मैं बेटे की पढ़ाई में एक साल के ब्रेक के लिए तैयार हूं. क्योंकि मैं किसी भी हाल में अपने बेटे के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकता.