2012 में पाकिस्तान की 5 आदिवासी लड़कियों का शादी के जश्न में गाते और तालियां बजाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. स्थानीय जनजातीय परिषद ने (इसे खाप पंचायत कह सकते हैं) ने इसे अपनी परंपरा के खिलाफ माना और लड़कियों की हत्या का आदेश दे दिया. इसी जनजाति के एक युवक अफजल कोहिस्तानी के भाई भी वायरल वीडियो में दिखाई दिए थे जिसने लड़कियों की ऑनर किलिंग का पर्दाफाश किया था.
बुधवार को अफजल कोहिस्तानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
अफजल कोहिस्तानी की एबटाबाद में हत्या कर दी गई. एबटाबाद वही जगह है जहां पर आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने मार गिराया था. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अफजल को रात के 8 बजे अज्ञात लोगों ने गोली मारी.
अफजल को कई गोलियां मारी गईं. पुलिस के पहुंचने से पहले हत्यारे घटनास्थल से भाग चुके थे.
लड़ी थी न्याय की लड़ाई-
2012 में पांच लड़कियों का दो लड़कों के साथ गाने का वीडियो वायरल होने के बाद अफजल कोहिस्तानी पाकिस्तान में लोकप्रिय हो चुका था. यह वीडियो पाकिस्तान के बेहद रूढ़िवादी इलाके कोहिस्तान के एक गांव का था.
जब वीडियो वायरल हुआ तो गांव की जिरगा स्थानीय परिषद की सभा बुलाई गई और वीडियो में दिखाई दी महिलाओं और पुरुषों को मार डालने का आदेश दिया गया.
यूएस आधारित वाइस न्यूज ने कोहिस्तान वीडियो स्कैंडल पर एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी. वाइस न्यूज के मुताबिक, वीडियो में दिखाई दी महिला को कैद किया गया था और हत्या से पहले उसे करीब एक महीने तक प्रताड़ित किया गया था.
वीडियो में दिखाई दिए एक शख्स के भाई अफजल कोहिस्तानी ने ग्रामीण परिषद पर लड़कियों की हत्या के आदेश को लेकर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाए. 30 मई 2012 को लड़कियों की हत्या कर दी गई थी.
वाइस को दिए इंटरव्यू में अफजल ने कहा था, अगर आप वीडियो को देखेंगे तो उन महिलाओं के सिर ढके हुए थे. वे केवल तालियां बजा रही थीं और लड़के डांस कर रहे थे. अगर किसी लड़की के ऊपर बदनामी लाने का इल्जाम लगता है तो वे लड़की को मार डालते हैं.
अफजल कोहिस्तानी के आरोपों के बाद पाकिस्तान की मीडिया में हंगामा मच गया. जून 2012 में पाकिस्तान के तत्कालीन चीफ जस्टिस इफ्तिकार चौधरी ने मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए एक दल गठित करने का आदेश दिया था.
इसी बीच, जनवरी 2013 में अफजल के तीनों भाइयों की हत्या कर दी गई. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, इन भाइयों की हत्या उसी जनजाति ने की जो पांच लड़कियों की ऑनर किलिंग के दोषी थे.
जब वाइस के इंटरव्यू में अफजल कोहिस्तानी से पूछा गया कि क्या लड़की के घर वालों ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की तो उन्होंने बताया था कि घर वाले भी उन्हें मारने के पक्षधर थे.
2012 में बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने कोहिस्तान वीडियो स्कैंडल पर अपनी रिपोर्ट सौंपी. कमिटी ने अपने निष्कर्ष में कहा कि वायरल वीडियो में दिखीं लड़कियां जिंदा हैं.
हालांकि, कमिटी की एक सदस्य और ऐक्टिविस्ट फरजाना बारी इससे संतुष्ट नहीं थीं. वाइस डॉक्युमेंट्री के मुताबिक, वह बिल्कुल आश्वस्त थीं कि कमिटी के सामने पेश हुईं लड़कियां वीडियो में दिखने वाली लड़कियां नहीं थीं.
बारी ने वाइस से कहा था, इस घटना को राजनीतिक तौर पर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था, किसी ना किसी रूप में वे हत्यारों को बचा रहे हैं.