दुनिया भर के करीब दो दर्जन देशों को डराने के बाद अब चीन में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन पहुंच गया. इसकी पुष्टि होने के तुरंत बाद चीन की सरकार ने कहा कि ब्रिटेन से आया ये कोरोना वायरस बेहद संक्रामक और खतरनाक है. ब्रिटेन से चीन पहुंची 23 वर्षीय एक लड़की में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन मिला है. चीन में नए कोरोना वायरस का यह पहला आयातित मामला है.
चीन के सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने एक दस्तावेज जारी कर कहा कि ब्रिटेन से आए कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक है. दुनिया भर के कई देशों नें ब्रिटेन आने-जाने वाली उड़ानों, ट्रेनों और पानी के जहाजों को रोक दिया है.
चीन के वैज्ञानिकों ने बताया कि ब्रिटेन से चीन लौटी 23 वर्षीय स्टूडेंट में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है. यह लड़की 14 दिसंबर को शंघाई आई थी. वहीं पर उसकी कोविड-19 जांच हुई. जिसके बाद नए कोरोना वायरस के चीन पहुंचने की पुष्टि हुई है.
CDC ने अपने दस्तावेज में कहा है कि ब्रिटेन से आया कोरोनावायरस बेहद संक्रामक और खतरनाक है. चीन के लोगों को इससे बचकर रहना चाहिए. आपको बता दें कि चीन पहुंचे ब्रिटेन के इस नए वायरस को लोग VOC202012/1 भी कह रहे हैं. यानी वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/1.
चीन पहुंचे ब्रिटिश कोरोनावायरस VOC202012/1 में जेनेटिक म्यूटेशन भी हुआ है. चीन की सरकार ने लोगों को हिदायत दी है कि वो इस वायरस से बचकर रहें. क्योंकि ये ज्यादा तेजी से फैलता है. चीन ने ब्रिटेन से आने और जाने वाली अपनी सारी उड़ानें अस्थाई तौर पर तत्काल रोक दी हैं.
23 वर्षीय लड़की को एक विशेष अस्पताल में क्वारनटीन किया गया है. उसके सारे नजदीकियों, रिश्तेदारों और परिजनों की भी जांच की जा रही है. वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हॉन्गकॉन्ग, SAR, भारत, इजरायल, जापान, जॉर्डन, लेबनान, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर तक फैल चुका है.
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीस प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) के अनुसार वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) अपने पिछले सारे वैरिएंट्स से कई गुना ज्यादा संक्रामक है. यह कितनी तेजी से संक्रमण फैलाएगा, साइंटिस्ट अब भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं. लेकिन माना ये जा रहा है कि यह 52 से 70 फीसदी ज्यादा संक्रमण फैला सकता है.
ECDC के साइंटिस्ट्स का मानना है कि वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) यूरोपीय देशों में काफी तेजी से फैल सकता है. हालांकि अभी तक यह बात पुष्ट नहीं हो पाई कि इस नए स्ट्रेन से कितनी गंभीर समस्याएं होंगी. क्योंकि जिन लोगों में ये स्ट्रेन मिला है, वो पुराने कोरोना मरीजों की तरह ही है.
वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) की वजह से एक दिक्कत बढ़ेगी. वो ये है कि इससे ज्यादा लोग संक्रमित होंगे, ज्यादा संख्या में लोग अस्पताल पहुंचेंगे. वहां इलाज के लिए डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और बेड्स की कमी होगी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरी दुनिया में वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) की वजह से कोरोना वायरस की दूसरी बड़ी लहर आ सकती है.