हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ को करारा जवाब देने के लिए आईएनएस इंफाल तैयार है। स्वदेश में निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल मंगलवार को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित समारोह में नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शिरकत करने वाले हैं।
सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस आईएनएस इंफाल से जुड़ी खासियतों पर एक नजर डालें–
- आईएनएस इंफाल पहला युद्धपोत है जिसका नाम पूर्वोत्तर क्षेत्र के एक शहर के नाम पर रखा गया है।
- मणिपुर की राजधानी के नाम पर युद्धपोत का नामकरण पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि को दर्शाता है।
- यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध स्थितियों के तहत लड़ने के लिए सुसज्जित है। गुप्त विशेषताएं इसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाती है।
- इस युद्धपोत में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार गिराने वाली मिसाइलों को भी इंस्टॉल किया गया है।
- पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन को भी युद्धपोत में इंस्टॉल किया गया है।
- आईएनएस इंफाल हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से सुसज्जित है। इस युद्धपोत से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करने की ताकत रखती है।
इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का पता लगा सकता है। इन सैंसर्स का पता लगाना दुश्मनों के लिए टेढ़ी खीर है।
- युद्धपोत की स्पीड की बात करें तो जहाज 30 समुद्री मील (56 किमी/घंटा) से ऊपर की गति से चल सकती है।
- भारतीय नौसेना के अनुसार, आईएनएस इंफाल को भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जा सकता है।
- नौसेना अधिकारियों ने कहा कि कमीशन होने के बाद जहाज पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल हो जाएगा।
- युद्धपोत के आकार की बात करें तो आईएनएस इंफाल की लंबाई 535 फीट और वजन 7, 400 टन है।आईएनएस इंफाल को 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ तैयार किया गया है।
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