रिपोर्ट के अनुसार, वैसे युवा या बच्चे जो हॉर्स राइडिंग से लेकर घोड़ों की देखभाल और अस्तबल में समय बिताते हैं, उनमें स्ट्रेस का स्तर कम होता है. स्टडी के लिए विज्ञानियों ने 130 टीनएजर्स को चुना और उन पर 12 हफ्तों तक स्टडी की. इनमें सभी को हफ्ते में 90 दिन घोड़ों के आसपास रखा गया और उनके बारे में जानकारी दी गई. इसमें घोड़े की देखभाल से लेकर राइडिंग तक सभी शामिल थे. हर हफ्ते सभी युवाओं से हार्मोनल सैम्पल भी लिए गए जिसके आधार पर यह रिपोर्ट सामने आई है.

वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी और इस स्टडी से जुड़े डॉ. पैट्रिक पेंड्री कहते हैं, ‘हमने पाया कि जिन बच्चों ने इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया उनमें वेटिंग लिस्ट में रखे गए बच्चों के मुकाबले स्ट्रेस लेवल काफी कम था.’ रिसचर्स मानते हैं कि यह स्टडी भविष्य में इस ओर और बेहतर रिजल्ट्स लेकर आ सकती है.
डॉ. पेंड्री कहते हैं कि अब तक कई पालतू जानवरों को लेकर इस संबंध में रिसर्च हुए हैं, लेकिन घोड़ों के साथ यह पहला मामला है. हालांकि इस ओर अभी और भी स्टडी की जरूरत है, लेकिन अगर यह सफल होता है तो भविष्य में यह लोगों के साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम का समाधान हो सकता है.
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