बेड पर आखिरी सांसे गिन रही युवती के अपनी मां को लिखे वो आखिरी शब्‍द

अस्‍पताल में बेड पर अपनी आखिरी सांसे गिन रही एक लड़की ने जब कागज पर अपनी बात लिखी तो उसे पढ़कर उसकी मां से रहा नहीं गया और उसकी आंखें भर आईं।

नई दिल्‍ली। करीब एक सप्‍ताह पहले निर्भया नाम सभी की जुबान पर था। वजह थी कि दिल्‍ली में 16 दिसंबर 2012 की सर्द रात को हुए जघन्य कांड को सहने वाली निर्भया के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। आज मुमकिन है कि निर्भया का नाम हमें याद भी न हों। यही इंसान की फितरत है। कुछ होता है तभी कुछ चीजें याद रहती हैं। नहीं तो हम भी उसी भीड़ का हिस्‍सा होते हैं जो व्‍हाट्स एप और फेसबुक पर बड़ी बड़ी बातें करता है और इनमें भारी भरकम शब्‍दों को गढ़कर अपने को दूसरों से अलग दिखाने की फर्जी कोशिश करता है।बेड पर आखिरी सांसे गिन रही युवती के अपनी मां को लिखे वो आखिरी शब्‍द

खैर, अब सीधे मुद्दे पर आते हैं। निर्भया को आज याद करना इसलिए जरूरी हो गया क्‍योंकि आज ‘मदर्स डे’ है। यह इसलिए भी जरूरी था क्‍योंकि निर्भया भी अपनी मां को बहुत प्‍यार करती थी। यही वजह थी कि उसके लिखी कुछ आखिरी लाइनों में उसने बार-बार अपनी मां का जिक्र किया था। बीती 10 मई को उसका 28 वां जन्मदिन भी था। आज उसके द्वारा अस्‍पताल में लिखी गई उन्‍हीं बातों को यहां पर शेयर करने का वक्‍त है जिसके माध्‍यम से उसने अपनी मां से कुछ बातें कहीं थी। अपने आखिरी समय में जब उसको शायद पता था कि वह अब बच नहीं पाएगी, उसके लिखे कुछ आखिरी शब्‍द बेहद मायने रखते हैं। इन्हे पढ़कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

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