संस्कृति मंत्रालय की देखरेख में आज यानी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC), धर्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मनाएगा. आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था.

इसी मौके पर पूरी दुनिया के बौद्ध हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं. वहीं हिंदू धर्म में आज का दिन गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने का होता है और इसे‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है. लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर रखना, महिलाओं को आदर देना. शांति और अहिंसा का आदर करना. इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है.
उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध ने सारनाथ में दिए अपने पहले उपदेश में और बाद के दिनों में भी दो चीजों को लेकर बात की, आशा और उद्देश्य. उन्होंनो इन दोनों के बीच मजबूत लिंक देखा. क्योंकि आशा से ही उद्देश्य पैदा होता है.
पीएम ने कहा कि तेज तर्रार युवा मन वैश्विक समस्याओं का हल लेकर आ रहा है. भारत के पास सबसे बड़ा स्टार्ट अप ईको-सिस्टम है. मैं अपने युवा दोस्तो से भी अपील करूंगा कि वो बुद्ध के विचारों से जुड़ें. वे खुद भी उनसे मोटिवेट हों और दूसरों को भी आगे का रास्ता दिखाएं.
आज विश्व मुश्किल हालातों का सामना कर रहा है. इन सभी चुनौतियों का समाधान गौतम बुद्ध के विचारों से किया जा सकता है. ये पहले भी प्रसांगिक थे. अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे.
उन्होंने कहा कि हमलोग गौतम बुद्ध की सभी साइट्स पर फोकस करना चाहते हैं. कुछ दिनों पहले ही कैबिनेट ने कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी दी है. इस तरह कई लोग और तीर्थयात्री इन स्थानों पर पहुंच सकेंगे. गौतम बुद्ध के विचार भविष्य में उजाला, साथ चलने का विचार और भाईचारा लेकर आए. उनका आशीर्वाद हमें अच्छी चीज करने के लिए प्रेरित करे.
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुबह 9 बजे के करीब राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों का उद्घाटन किया. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आयोजित धर्म चक्र दिवस समारोह को संबोधित किया.
जानकारी के मुताबिक, आज के दिन कई अन्य महत्वपूर्ण आयोजन भी होने हैं. जैसे कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से शीर्ष बौद्ध धर्मगुरुओं, विशिष्ट जानकारों और विद्वानों के संदेशों को सारनाथ एवं बोधगया से प्रसारित (लाइव स्ट्रीमिंग) किया जाएगा.
कोविड 19 महामारी को देखते हुए सारे कार्यक्रम वर्चुअल होंगे. पूरी दुनिया के लगभग 30 लाख लोग आज लाइव वेबकास्ट के जरिए सभी कार्यक्रमों से रूबरू होंगे.
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