सोशल मीडिया समेत तेजी से बढ़ते प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जमाने में ब्रांडिंग बेहद जरूरी मानी जाती है चाहे ग्लैमर वर्ल्ड हो या राजनैतिक पार्टियां कोई भी इस ब्रांडिंग से अछूते नहीं है. यही वजह है बीजेपी की सरकार को विज्ञापनों वाली सरकार कहने वाली कांग्रेस भी अब ब्रेंडिंग पर उतर आई है. किसानों के कर्ज माफी के जो फॉर्म प्रदेश भर में बांटे जा रहे हैं उसमें कमलनाथ की तस्वीर है बीजेपी को इन्ही तस्वीरों वाले फॉर्म से आपत्ति है बीजेपी के मुताबिक जिस ब्रांडिंग के लिए कांग्रेस ने मना किया था अब वही ब्रांडिंग करते कमलनाथ सरकार नजर आ रही है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के फोटो वाले फॉर्म को लेकर मध्य प्रदेश इकाई के भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि ‘जिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कांग्रेस विज्ञापन वाली सरकार का आरोप लगाती थी वही अब कमलनाथ सरकार से सवाल कर रहे हैं कि कर्ज माफी का इतना प्रचार प्रसार क्यों ?’ बता दें कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगाते आई थी कि बीते 15 सालों में बीजेपी सरकार ने अखबारों सहित तमाम मीडिया में सिवाए विज्ञापन देने के अलावा कोई काम नहीं किया है.चुनावों के दौरान भी कांग्रेस का आरोप था कि बीजेपी ने करोड़ों रुपए के विज्ञापन दिए हैं. जिसके चलते कांग्रेस कहते नजर आई थी कि ‘विज्ञापन वाली सरकार अब नहीं चलेगी.’
इसी के चलते मध्य प्रदेश चुनाव में 15 सालों बाद जीत हासिल करने वाली कांग्रेस सरकार ने बीते लगभग 1 महीने से एक भी विज्ञापन जारी नहीं किया था और यह साबित करने की कोशिश की थी कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार विज्ञापनों पर पैसे खर्च करने के बजाय जनता के हित में इन रुपयों को लगाएगी, लेकिन लेकिन किसानों की कर्ज माफी वाले फॉर्म पर कमलनाथ की तस्वीर से बीजेपी को बोलने का मौका मिला है. वहीं कांग्रेस सरकार को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा है.
दरअसल, कर्ज माफी का वादा कांग्रेस के लिए चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ था. वहीं विज्ञापनों समेत अपनी ब्रेंडिंग ना कर कांग्रेस ने जनता के सामने इमेज भी बनाई थी कि इस बार कांग्रेस की सरकार नाम की बजाय काम पर ध्यान देगी, लेकिन 1 महीने के अंदर ही कर्ज माफी के फॉर्म पर कमलनाथ की तस्वीरों ने कांग्रेस की मंशा पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं.
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