उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के सामने बीजेपी के ही 200 विधायक अपनी ही योगी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए. इससे बीजेपी और सरकार दोनों के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो गई. तब और मामला बढ़ा जब विपक्ष भी बीजेपी विधायकों का समर्थन करने गले.
दरअसल, मामले की शुरुआत हुई बीजेपी विधायक नन्द किशोर गुर्जर से. यूपी की लोनी सीट से विधायक नन्द किशोर गुर्जर को यूपी सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
विधायक के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट का आरोप था. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार बीजेपी विधायक नन्द किशोर ने अधिकारियों से मीट की दुकानों के लाइसेंस नहीं बनाने को कहा.
इसे लेकर अधिकारियों से उनकी मारपीट हुई. विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. पार्टी ने उन्हें नोटिस दिया था. वह इसे लेकर गुस्से में थे.
इसी बीच आज यूपी विधानसभा का शीतकाल शुरू हुआ. आज पहला दिन था. नन्द किशोर गुर्जर नागरिकता क़ानून के बारे में कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री ने उन्हें बैठने को कहा.
बस यहीं से वह नाराज हो गए. विधायक नन्द किशोर का कहना था कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है. नन्द किशोर के साथ करीब 200 विधायक धरने पर बैठ गए. विपक्ष के विधायक भी बीजेपी विधायकों के खिलाफ हो लिए. विपक्ष के विधायकों का कहना था कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का हाल बुरा है.