राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बीजेपी में संभावित बगावत को देखते हुए पीएम मोदी पर आश्रित हो गया है। संसदीय चुनाव के बाद एक बार फिर संघ की नैया पीएम मोदी ही पार लगायेंगे। यूपी चुनाव को लेकर ही संघ ने पीएम मोदी को फ्रंटफुट पर किया है। बिहार के तरह यूपी में भी बीजेपी के पास सीएम पद का प्रत्याशी नहीं है।
यूपी चुनाव में पीएम मोदी को आगे करके लड़ेगी बीजेपी
यूपी चुनाव से पहले ही बीजेपी को छोड़ कर अन्य दलों ने अपने सीएम पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। यूपी में सबसे कमजोर मानी जा रही कांग्रेस ने भी शीला दीक्षित को सीएम पद का प्रत्याशी बन कर अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है। सपा में सीएम अखिलेश यादव तो बसपा में सीएम पद की कमान मायावती के हाथों में होगी। बीजेपी पहली ऐसी बड़ी पार्टी है जो यूपी में सीएम पद का प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है।
बीजेपी में गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के नाम को लेकर सबसे अधिक अटकले लग रही हैं। आरएसएस भी योगी आदित्यनाथ को पसंद करता है, फिर भी बीजेपी ने सीएम पद के प्रत्याशी का खुलासा नहीं किया है। आरएसएस ने पीएम को इस परेशानी से उबारने की कोशिश की थी, लेकिन अब आरएसएस ने सारी हकीकत जानी तो संघ ने भी बीजेपी के लिए नयी रणनीति बना दी है।
आरएसएस ने भी मान लिया है कि यूपी बीजेपी में सीएम पद के प्रत्याशी को लेकर पेंच फंसा हुआ है। यदि बीजेपी अभी से किसी को सीएम का प्रत्याशी घोषित कर देती है तो जाति समीकरण खराब हो जायेगा और पार्टी में दूसरे गुट के लोग बगावत कर सकते हैं। चुनाव से पहले बीजेपी ऐसी किसी बगावत को झेलने को तैयार नहीं है और इसका नुकसान यूपी चुनाव में भी उठाना पड़ेगा।
न्यूज मंथन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार संघ के सूत्रों की मानें तो सीएम पद के प्रत्याशी को लेकर रणनीति बनायी जा चुकी है। संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी को सीएम पद का प्रत्याशी घोषित करने की जरूरत नहीं है। बीजेपी देश के पीएम मोदी व वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी को आगे करके ही चुनाव लड़ेगी। चुनाव में बहुमत मिल जाने के बाद ही सीएम पद का प्रत्याशी घोषित किया जायेगा। फिलहाल आरएसएस यूपी का चुनाव पीएम मोदी के भरोसे ही लड़ेगी।
(Note – इस खबर में कितनी सच्चाई है इसकी जिम्मेदारी www.ujjawalprabhat.com नहीं लेता, ये खबर हमने न्यूज मंथन वेबसाइट से ली है)
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