राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश का युवा और आम जनता चिंतित है। उन्हें अपने भविष्य की चिंता है। देश की जो स्थिति बनी है, वह बड़ी गंभीर है और लोग पार्टी से हटकर सड़कों पर उतरे हैं।
यह कोई सामान्य बात नहीं है। ऐसी क्या नौबत आ गई है कि अब भाजपा को पूरे मुल्क में अपने नेताओं को भेजना पड़ रहा है। यह कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शुक्रवार को जोधपुर में है। अमित शाह के दौरे को लेकर जोधपुर में ही उनकी यह पहली प्रतिक्रिया आई है।
अपने गृह नगर जोधपुर के दो दिन के दौरे पर पहुंचे गहलोत ने एयरपोर्ट पर ही अमित शाह के जोधपुर दौरे को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पूर्वावलोकन और कमेटी बनाकर अनुभव के आधार पर निरीक्षण के बाद कुछ निर्णय लेना चाहिए था, लेकिन सरकार ने आसाम के अनुभव को दरकिनार कर अपनी मनमानी पूरे देश पर थोप दी है।
उन्होंने कहा कि असम पर एक हजार 600 करोड़ रुपये खर्च किए थे ,जिसमें 19 लाख लोगों को बेदखल होना पड़ा था। जिसमें से 16 लाख हिंदू थे और इस घटनाक्रम के बाद पूरे असम के लोग अवसाद में चले गए थे।कईयों ने आत्महत्या कर ली थी, जिसकी खुद एक लंबी कहानी है। ऐसे में अब जब पूरे देश के लोग पार्टी पॉलिटिक्स की बात छोड़ अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे हैं, तब भाजपा पूरे मुल्क में अपने नेताओं को भेज रही है।