उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने योगी सरकार मंत्रिमंडल के साथ बैठक कर मंत्रियों को जिस तरह से ‘पाठ’ पढ़ाया, उससे इशारा मिलता है कि कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हो सकता है. नड्डा ने सरकार और संगठन के कामकाज के साथ ही समन्वय की भी तारीफ की, लेकिन मंत्रियों को अपने काम के तौर-तरीके बदलने की स्पष्ट सलाह दी और समझाया कि मैं नहीं, हम भाव से टीम वर्क मजबूत करें. इसके साथ ही उन्होंने जिस तरह से मंत्रिमंडल के विस्तार के संकेत दिए हैं, उससे जाहिर होता है कि सूबे में योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने योगी मंत्रिमंडल के साथ बैठक में मंत्रियों को खुद का उदाहरण देकर समझाया कि मंत्रिमंडल से बाहर होने पर दुखी नहीं होना चाहिए. उन्होंने योगी के मंत्रियों को इशारों में समझाया कि मंत्रिमंडल से बाहर आने के बाद भी दुनिया खत्म नहीं होती है. जेपी नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार में वह भी स्वास्थ्य मंत्री थे और जब मंत्रिमंडल से बाहर आए तो उनके बारे में लोगों ने तमाम तरह की बातें कहीं. लेकिन आज पार्टी ने इतना बड़ा सम्मान किया कि इस पद पर हैं. इसलिए कभी दिल छोटा न करें. ऐसे में सवाल उठता है कि जेपी नड्डा ने आखिर यह बात क्यों कही?
बीजेपी अध्यक्ष ने यह बात ऐसे समय कही है जब यूपी में योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार किए जाने को लेकर चर्चाएं तेज हैं. कैबिनेट विस्तार से पहले जेपी नड्डा ने अपना उदाहारण देकर उन्हें संकेत तो नहीं दिया कि अगर मंत्रिमंडल से किसी को हटाया जा रहा है, उसे निराश होने की जरूरत नहीं है और पार्टी वक्त पर उसे अहम जिम्मेदारी देगी. साथ ही कैबिनेट विस्तार के संकेत के साथ-साथ कई बड़े नेताओं की मंत्री पद से छुट्टी भी हो सकती है और उन्हें संगठन में भेजा सकता है.
दरअसल, योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच सभी की निगाहें अरविंद शर्मा पर हैं. एमएलसी बनने के बाद एके शर्मा की भूमिका यूपी में क्या होगी. अरविंद शर्मा 16 साल तक पीएम मोदी के साथ साए की तरह रहे हैं और अब उन्होंने राजनीति में कदम रखा है. अरविंद शर्मा के एमएलसी बनाए जाने के बाद से योगी सरकार में उनकी भूमिका तय होनी है. ऐसे में जेपी नड्डा का बयान काफी अहम है.
माना जा रहा है कि एके शर्मा को योगी सरकार में अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. लेकिन उससे पहले कई बड़े नेताओं की कैबिनेट से छुट्टी भी हो सकती है. हालांकि, यह तस्वीर अभी साफ नहीं है कि योगी कैबिनेट से किन नेताओं को हटाया जाएगा या फिर संगठन में भेजा जाएगा.
जेपी नड्डा ने गुरुवार शाम बीजेपी दफ्तर में तकरीबन डेढ़ घंटे तक मंत्रियों और संगठन के लोगों की बैठक ली और उसमें संगठन और सरकार के लिए कई नसीहत दी है. मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी उनके एजेंडे में था और यही वजह थी कि उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि उन्होंने कितना काम किया है. इसके लिए बताने समझाने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि मंत्री खुद संकल्प पत्र सामने रखें, उसे पढ़ें और अपने काम को खुद देख लें.
उन्होंने मंत्रियों को अपने कामकाज के तौर-तरीकों में बदलाव लाने की सलाह दी. इसके साथ पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को बेवजह बयानबाजी से बचने की सलाह दी और कहा, ‘ऐसी नौबत ना आए कि अपने कही बात पर बार -बार सफाई देनी पड़े.’
जेपी नड्डा ने मंत्रियों और नेताओं से कहा कि अपने किए हुए काम को बार-बार बताने और दोहराने में संकोच न करें. कांग्रेस आज भी अपने 50 साल पहले के काम को गिनाती है तो बीजेपी के नेता अपने काम को गिनाने और बताने में कतई संकोच ना करें. हालांकि, उनका कहना था कि अपनी उपलब्धियों को मैंने किया है, कहकर गिनाने की आदत उचित नहीं है. मैं नहीं, हम भाव से काम करने व गिनाने की आदत डालें. इससे टीम वर्क मजबूत होता है और बेहतरीन टीम वर्क से ही बीजेपी नित नए मुकाम पा रही है.