राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने भाजपा पर केंद्र की शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. एनसीपी का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार को पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि वह उनकी पार्टी के मुखिया शरद पवार और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मिलकर इस मुद्दे को जनता के बीच उठाएंगे.
नवाब मलिक ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र की शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रही है. कानून और व्यवस्था एक राज्य का अपना विषय होता है, जिसमें बिना राज्य की सहमति के आईपीएस अधिकारियों को वापस बुला लेना एक गंभीर मामला है. ममता बनर्जी और शरद पवार ने इस मामले पर चर्चा की है.”
मलिक ने कहा, “शरद पवार अन्य राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. यह बैठक दिल्ली में होगी. अगर जरूरत पड़ी तो शरद पवार पश्चिम बंगाल भी जाएंगे.”
केजरीवाल ने केंद्र के फैसले पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं बंगाल की प्रशासनिक व्यवस्था में जबरन हस्तक्षेप करने की निंदा करता हूं. राज्य के अधिकारों में दखल देते हुए चुनाव के पहले पुलिस अधिकारियों का तबादला करने का केंद्र का कदम संघीय ढांचे पर आघात है और अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है.’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि यह संघीय ढांचे के सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कहा है, ‘‘यह कदम असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है.’’
दरअसल 17 दिसंबर को केंद्र सरकार ने बंगाल के 3 आईपीएस अधिकारियों को राज्य सरकार की आपत्तियों को खारिज करते हुए तत्काल प्रभाव से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए रिपोर्ट करने को कहा था.
यह फैसला कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के दूसरे दिन ही लिया गया था. इन तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए रिपोर्ट करने को कहा गया था. तीनों अधिकारियों पर कोलकाता दौरे के समय नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी.