बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गया जिले के इमामगंज से बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन में मांझी ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक, उनकी संपत्ति पांच साल में 18.61 लाख रुपये घट गई है।

विधानसभा चुनाव 2015 में दिए गए शपथ पत्र में मांझी ने अपनी कुल संपत्ति 36.42 लाख रुपए बताई थी। लेकिन 2020 में मांझी ने अपनी चल संपत्ति केवल 24.24 लाख रुपए ही बताई है। यदि मांझी की अचल संपत्ति की बात करें तो 4 हजार स्क्वायर फीट का महकार में पुश्तैनी घर भी है।
2015 में इसकी कीमत 13 लाख रुपए के करीब थी। 2020 में उन्होंने इसी घर की कीमत घटाकर 12 लाख रुपए बताई है। मांझी के पास एक दोनाली बंदूक और एक राइफल भी है और इसके साथ ही उनके ऊपर बिजली विभाग का 21 हजार 317 रुपए का बिजली बिल शेष है।
जीतन राम मांझी की बंदूक की कीमत 2015 में हुए चुनाव के वक्त 30 हजार रुपये थी और अब भी इसकी कीमत उन्होंने 30 हजार रुपये बताई है। दूसरी बंदूक है 1.315 राइफल। इसकी कीमत 2015 के चुनाव के समय 70 हजार रुपये थी और अब इसकी कीमत 5 हजार रुपये घटकर 65 हजार रुपये रह गई है।
जीतन राम मांझी ने अपनी एम्बेसेडर कार की कीमत 1.10 लाख रुपये बताई है। जैसे दो बंदूकों में से एक की कीमत बढ़ी और एक की कीमत घटी है। वैसे ही दो कारों में से भी एक की कीमत बढ़ी और एक की घटी है।
मांझी के पास जो एम्बेसेडर कार है, उसकी कीमत 2015 में 1.25 लाख रुपये थी और अब 1.10 लाख रुपये है। जबकि, स्कॉर्पियो की कीमत पिछले चुनाव के समय 4.5 लाख रुपये थी, और अब 2020 में 1 लाख रुपये बढ़कर 5.5 लाख रुपये पर पंहुच गई है।
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