बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने शुक्रवार को वायरल प्रश्न-पत्र भेजने वाले आइएएस अफसर से भी पूछताछ की। जांच टीम ने आइएएस अफसर को पूछताछ के लिए ईओयू कार्यालय बुलाया था, जहां करीब डेढ़ घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किया गया।
सूत्रों के अनुसार, ईओयू अधिकारियों ने आइएएस अधिकारी से कई सवाल किए। पूछा गया कि उनके मोबाइल पर वायरल प्रश्न-पत्र किसने भेजा? उसकी पहचान और मोबाइल नंबर की जानकारी मांगी गई। प्रश्न-पत्र कितने बजे आया और उन्होंने उसे कब देखा? प्रश्न-पत्र को और भी कहीं भेजा गया था या नहीं? ऐसे कई सवाल जांच टीम ने आइएएस अफसर से किए। जांच टीम के अनुसार, आइएएस अफसर का जांच में सहयोग मिल रहा है। आगे भी उनसे जरूरत के अनुसार, पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
आइएएस अफसर ने 17 मिनट पहले भेजा था प्रश्न-पत्र
बीपीएससी परीक्षा शुरू होने से करीब 17 मिनट पहले इसी आइएएस अधिकारी ने बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक के मोबाइल पर वायरल प्रश्न पत्र भेजा था। परीक्षा दोपहर 12 बजे से शुरू होनी थी जबकि प्रश्नपत्र 11:43 बजे भेजा गया था। इसका जिक्र दोनों अफसरों के मोबाइल नंबर के साथ ईओयू की ओर से दर्ज प्राथमिकी में भी है। इसके पहले भी पेपर लीक मामले में आइएएस अफसर से बातचीत की गई थी मगर शुक्रवार को पहली बार उन्हें कार्यालय बुलाकर सवाल-जवाब किया गया है।
बीपीएससी अफसर आज सौंपेंगे रिपोर्ट
जांच टीम के अनुसार, बीपीएससी अधिकारियों से परीक्षा के संचालन से जुड़ी कई जानकारियां मांगी गई थी। इसमें आधी जानकारी ही अभी तक मिल पाई है। उम्मीद है कि शुक्रवार को बीपीएससी की ओर से ईओयू की जांच टीम को बाकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। ईओयू की जांच में परीक्षा के संचालन में भी कई कमियां पाई गई हैं। कई जिलों में केंद्रों पर प्रश्न-पत्र भेजने से लेकर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी आदि करने में लापरवाही की बात भी सामने आई है। इस बाबत भी ईओयू की टीम रिपोर्ट बना रही है।
लोहानीपुर में छापेमारी, दो छात्र हिरासत में
पटना जिले की विशेष जांच टीम ने शुक्रवार को लोहानीपुर के एक घर में छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने दो छात्रों को भी हिरासत में लिया है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। छापेमारी के बाद छात्रों के मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटाप आदि उपकरण भी जब्त किए गए हैं। देर रात तक छात्रों से पूछताछ जारी थी। इस बाबत ईओयू के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। तकनीकी अनुसंधान और वाट्सएप की कड़ी जोड़कर टीम छात्रों तक पहुंची है।