2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान खासे लोकप्रिय हुए गिरिराज सिंह बिहार में बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में वह बिहार के बेगूसराय से चुनावी मैदान में उतरे थे. उनका मुकाबला जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार से था. इससे पहले गिरिराज सिंह बिहार के नवादा से सांसद थे.
गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों की वजह से भी जाने जाते हैं. वो अक्सर कुछ ऐसा बोल जाते हैं जो सुर्खियों में आ जाता है. हालांकि बाद में उनका एक ही तर्क रहता है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. गिरिराज सिंह पीएम मोदी के कट्टर समर्थक नेताओं में से एक माने जाते हैं.
आपको बता दें कि गिरिराज सिंह 2011 के आस-पास जब नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, तब गुजरात जाकर नरेंद्र मोदी का प्रचार किया करते थे. उसी दौरान नरेन्द्र मोदी और गिरिराज के रिश्ते प्रगाढ़ होते गए. यही नहीं गिरिराज को एनडीए में रहते हुए भी नीतीश कुमार और सुशील मोदी का विरोधी बताया जाता है. 2013 में गिरिराज ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे जलन के चलते नरेंद्र मोदी पर हमला कर रहे हैं.
बिहार में चुनाव हमेशा जाति के समीकरण से ही जाते रहे हैं. उम्मीदवार चयन में इसका खास ध्यान रखा जाता है कि किस सीट पर किस जाति के वोटरों की बाहुल्यता है. इसके अलावा प्रचारकों और संगठन में भी इस बात का ख्याल रखा जाता है. बीजेपी में गिरिराज सिंह की अहमियत भी जाति आधारित है.
गिरिराज सिंह जाति से भूमिहार हैं. मनोज सिन्हा के चुनाव हार जाने के बाद अब वे ही मोदी मंत्रिमंडल में भूमिहारों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके साथ ही साथ गिरिराज बिहार में बीजेपी के पक्ष में भूमिहार वोटरों को लाने के भी बड़े फैक्टर हैं. गिरिराज सिंह को केंद्र में पद देना बिहार चुनाव में बीजेपी के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम था.
गिरिराज सिंह शुरू से ही पीएम मोदी का समर्थन करते रहे हैं. प्रधानमंत्री पद के लिए गिरिराज ने 2014 में सार्वजनिक तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का समर्थन किया था. 2002 में पहली बार गिरिराज सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे. 2008 से 2010 के बीच गिरिराज सिंह नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रहे. 2010 से 2013 तक वह पशुपालन और डेयरी मंत्री रहे. 2014 में उन्होंने नवादा सीट से लोकसभा चुनाव जीता और 2017 में मोदी सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया.
2019 के लोकसभा चुनावों में उनको फिर मौका दिया गया. लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई थी. इस बार उनको नवादा की जगह बेगूसराय से उतारा गया था. बेगूसराय में उनके सामने जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार मैदान में थे. हालांकि उन्होंने कन्हैया कुमार को भारी मतों के अंतर से पटकनी दी थी. चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिली. इस बार उन्हें मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.
गिरिराज का जन्म 8 सितंबर 1952 को बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में भूमिहार परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम राम अवतार सिंह और माता का नाम तारा देवी था. उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी से 1971 में स्नातक की पढ़ाई की थी. उनकी शादी उमा सिन्हा से हुई. उमा और गिरिराज सिंह की एक बेटी है. उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि ही है.
गिरिराज सिंह कई बार अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में आते रहे हैं. गिरिराज सिंह ने नवंबर 2013 में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘नीतीश एक देहाती औरत की तरह व्यवहार कर रहे हैं और जलन के चलते नरेंद्र मोदी पर हमला कर रहे हैं.’ इसके अलावा लोकसभा चुनावों के दौरान गिरिराज ने एक और भड़काऊ बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ‘कोई भी सेक्सी दुर्गा जैसी फिल्म बना सकता है लेकिन किसी में भी पैगंबर मोहम्मद या फातिमा पर फिल्म बनाने की हिम्मत नहीं है.’ इसके अलावा पाकिस्तान भेजने वाले उनके बयान भी विवाद का केंद्र बनते रहे हैं.
यही नहीं गायों के आईवीएफ ट्रीटमेंट वाला उनका बयान भी काफी सुर्खियों में रहा था. बता दें कि उस वक्त केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि ‘हम गाय पैदा करने की फैक्ट्री लगा देंगे. इससे आने वाले दिनों में देश में केवल बछिया पैदा होंगी.’ एक डेयरी उत्पाद के लांच पर गिरिराज सिंह ने कहा था कि आने वाले दिनों में आइवीएफ टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से गाय से जो बच्चे पैदा होंगे वे सिर्फ बछिया होंगी.