पटना| पटना में मेडिकल छात्रों पर पीजी काउंसिलिंग के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में राज्य के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है। जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के कारण बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे मरीज परेशान हैं। गौरतलब है कि सोमवार को पीजी मैट की काउंसिलिंग के दौरान जूनियर डॉक्टर और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और पांच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में बुधवार से पीएमससीएच के करीब 450 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
हड़ताल की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इलाज के अभाव में पिछले 30 घंटे के दौरान केवल पीएमसीएच में 17 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन इलाज के अभाव में मौत की सूचना से साफ इनकार कर रहा है। प्रबंधन का कहना है कि मरने वाले मरीजों की स्थिति गंभीर थी, इस कारण उनकी मौत हुई है।
इधर, बुधवार को आपातकालीन वार्ड में एक भी ऑपरेशन नहीं हो सका। इतना ही नहीं सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा।
अस्पताल में बिगड़ते हालात को देखते हुए पीएमसीएच प्रशासन अब दूसरे जिलों से डॉक्टरों को बुलाने का दावा कर रहा है। पीएमसीएच के अधीक्षक लखींद्र प्रसाद ने बताया कि आपातकालीन सेवा के लिए अन्य जगहों से 25 से ज्यादा डॉक्टर पीएमसीएच पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने हड़ताल से निपटने के लिए अन्य जिलों से भी डॉक्टरों की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि आपातकालीन सेवा सामान्य तौर पर चल रही है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।