नीतीश सरकार बिहार में चौथा कृषि रोड मैप लाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को 12 विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ चौथे कृषि रोड मैप की तैयारियों पर मंथन किया। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। सीएम नीतीश ने कहा कि किसानों के हित के लिए सरकार साल 2008 से ही कृषि रोड मैप के जरिए लगातार काम कर रही है, ताकि खेती और उससे संबंधित क्षेत्रों का तेजी से विकास हो सके। राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है।
बिहार के चौथे कृषि रोड मैप पर मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को सीएम सचिवालय में चौथे कृषि रोड मैप की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। सीएम नीतीश कुमार ने इस संबंध में पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कृषि रोड मैप के लक्ष्य के मुताबिक कार्यों का सही विश्लेषण एवं आकलन करें।
सीएम नीतीश ने कहा कि हर खेत तक सिंचाई पहुंचाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंच गई है और किसानों को भी बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य बाढ़ और सुखाड़ दोनों आपदा से प्रभावित रहता है। बाढ़ एवं सुखाड़ से बचाव के लिए कई दीर्घकालिक कदम उठाये गए हैं। बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हम लोग हरसंभव मदद उपलब्ध कराते हैं। हमारा मानना है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। देश में जितना क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है, उसका 73 प्रतिशत बिहार का है।
बिहार सरकार के पिछले तीन कृषि रोड मैप में जो भी कमियां थीं, उनसे सीख ली जाएगी। नए कृषि रोड मैप में पुरानी कमियों को दूर किया जाएगा। सीएम नीतीश ने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप में किसानों एवं पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इससे राज्य का आर्थिक और सामाजिक विकास हो सकेगा। उन्होंने आगामी कृषि रोड मैप की बेहतर कार्ययोजना बनाने के लिए अधिकारियों को सभी पहलुओं पर ध्यान देने