बिहार में कोरोना की दूसरी लहर नहीं, क़हर है। राजधानी में हालात बेकाबू हैं। पटना के सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट, कहीं बेड नहीं हैं। हर घंटे एक मौत हो रही है। सिर्फ पटना में मंगलवार को कोरोना से एक आईएएस समेत 15 लोगों की कोरोना से मौत हो गई।
पीएमसीएच एनएमसीएच और एम्स में तैनात नोडल अफसर मरीजों के साथ सामंजस्य नहीं स्थापित कर पा रहे हैं। जिसके कारण बिहार सरकार ने मंगलवार को तीन आईएएस की प्रतिनियुक्ति अस्पतालों में कर दी है।
बिहार में जिस तरीके से जांच की जा रही है वह राम भरोसे ही है। जांच के कई दिनों के बाद लोगों को रिपोर्ट मिल रही है। कुछ लोगों को एक दो दिनों में रिपोर्ट मिल जा रहा है वहीं अधिकांश लोगों को यह रिपोर्ट मिलने में 10 दिन लग रहे हैं।
कोरोना पॉजिटिव अमरेंद्र सिंह ने बताया कि पटना डीएम ऑफिस से फोन पर पूछा गया कि आपके यहां कितने लोग पॉजिटिव हैं, तो मैंने बताया कि मेरे साथ तीन लोग पॉजिटिव हैं। मेरे साथ कुल पांच लोग रहते हैं इतनी जानकारी के बाद कोई भी सुध लेने वाला नहीं है।
कोरोना वायरस से जिन मरीजों की हालत बदतर हो रही है वे भर्ती के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है। कोरोना की जांच ज्यादा से ज्यादा हो रही है। लेकिन इस जांच की रिपोर्ट आधे से ज्यादा लोगों को नहीं मिल पा रही है। कहीं भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। बाजारों में अधिकांश लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
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