बिहार में विधानसभा चुनाव कब होंगे, इसको लेकर बीजेपी में काफी वक्त से माथापच्ची चल रही है. कोविड-19 से पैदा हुए हालात उसके बाद बाढ़ की स्थिति में चुनाव कराने में क्या दिक्कतें होंगी, इस पर लगातार चर्चा चल रही है.
जानकारी के मुताबिक बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं ने केंद्रीय आलाकमान को बताया है कि बिहार में हालात चुनाव कराने के लिए अनुकूल नहीं हैं. बताया जा रहा है कि अधिकांश नेता और कार्यकर्ता बिहार में चुनाव टालने के पक्ष में हैं.
इससे पहले बीजेपी ने बिहार के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एक ऑनलाइन सर्वे भी कराया, जिसमें इस बात की जानकारी मांगी गई थी.
1. महामारी के बीच चुनाव कराया जाना चाहिए या नहीं?
2. बिहार वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की क्या राय है?
3. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ बिहार के लोगों को मिला है या नहीं ?
4. क्या बिहार में चुनाव कराने का कोई वैकल्पिक रास्ता है ?
बताया जा रहा है कि अधिकांश नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस ऑनलाइन सर्वे में बताया है कि बिहार में इस वक्त चुनाव कराने का माहौल नहीं है और ऐसे में चुनाव टाल दिया जाना चाहिए.
कुछ नेताओं व कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि कोविड-19 महामारी और बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काम ठीक नहीं रहा है और ऐसे में अगर इस वक्त चुनाव कराए गए तो इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है.
बिहार में जिलावार कराए गए इस ऑनलाइन सर्वे के जरिए बीजेपी आलाकमान यह जानने की कोशिश कर रही है कि बिहार में महामारी और बाढ़ के बीच चुनाव कराया जाना चाहिए या नहीं.
बता दें कि बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित है. अगर राज्य में तय समय पर चुनाव करवाना है तो चुनाव की अधिसूचना सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में ही जारी करनी होगी. चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग तैयारियां तो करवा रहा है, लेकिन कोरोना संक्रमण और बाढ़ की स्थिति ने उसके सामने मुश्किलें पैदा कर दी हैं.