बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। छह और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। लेकिन, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। पटना वीर चंद पटेल मार्ग में भाजपा, जदयू, राजद दफ्तर बाहर गाड़ियों की लंबी कतारें पिछले दो दिनों से लग रही है। आज सुबह से ही इन सभी कार्यालयों में भीड़ है। सोमवार को सुबह से शाम तक लगातार बैठक चली। तेजस्वी यादव ने पोलो रोड स्थित अपने आवास पर सीट बंटवारे को लेकर बैठक की। करीब 80 फीसदी काम दोनों गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हो चुकी है। लेकिन, कुछ दल को मनाने के चक्कर में सीट बंटवारे को लेकर अब तक घोषणा नहीं हो पाई है। आइए जानते हैं कहां फंसा है पेंच….
एनडीए में चिराग-मांझी की जिद
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का काम 80 फीसदी तक हो चुका है। भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय चिराग पासवान की पार्टी को 28, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आठ और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी को करीब पांच सीटें भाजपा और जदयू देना चाहती है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मानने को तैयार नहीं। चिराग 40 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वहीं जीतन राम मांझी का तर्क है कि राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए आठ विधायक चाहिए। हमारे पास पहले से चार विधायक हैं। ऐसे में 10 से 12 सीटों से कम पर चुनाव हमलोग नहीं लड़ कसते हैं। दोनों पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर अपनी-अपनी बात रख दी है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दावा किया है कि एनडीए के घटक दलों के कहीं कोई मतभेद नहीं है। सबलोग एकजुट हैं। जल्द ही सीट बंटवारे का एलान कर दिया जाएगा।
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की आनाकानी
2020 में महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरी थी। इस बार महागठबंधन का नाम इंडिया गठबंधन हो गया। इसमें आठ राजनीतिक दल (कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), भाकपा माले, विकासशील इंसान पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। सीट बंटवारें को लेकर पिछले दो दिनों से लगातार बैठकें हो रही हैं लेकिन कांग्रेस, वामदल और वीआईपी अपनी-अपनी मांगों पर अड़ी है। तेजस्वी यादव कांग्रेस के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए इस बार 55 सीटें देना चाहते हैं लेकिन वह आनाकानी कर रही है। कांग्रेस 70 सीट से कम पर चुनाव लड़ना नहीं चाह रही है। वहीं वाम दल 40 सीट और वीआईपी को डिप्टी सीएम का पद चाहिए। सूत्र बता रहे हैं कि अब तक जो फॉर्मूला तय हुआ है उसके हिसाब से इंडिया गठबंधन में राजद के खाते में करीब 130, कांग्रेस को 55 सीट, वामदल को 35, वीआईपी को 20 सीटें मिल सकती है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा राजद कोटे से पांच सीओं पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। लेकिन, इस फॉर्मूले को मानने में बिहार कांग्रेस के नेता आनाकानी कर रहे हैं।