बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में आज भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। जूनियर डॉक्टर स्टायपेंड बढ़ोतरी की मांग लेकर आज भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि हमलोगों का हर तीन साल में इंटर्नशिप स्टायपेंड का पुनरीक्षण होना चाहिए, लेकिन लंबे समय से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमको महज 18 से 20 हजार रुपये मासिक स्टायपेंड मिल रहा है। इतने कम स्टायपेंड में हमारा गुजारा नहीं हो रहा है। पिछले कई माह से स्टायपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन इसे बढ़ाया नहीं गया है।
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि उनका प्रतिमाह स्टाइपेंड बढ़ाया जाय। उनके अनुसार वेलोग प्रति दिन 12 से 18 घंटे तक काम करते हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें मात्र 20,000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाता है। इस महंगाई में यह राशि काफी काफी कम है, इसलिए उनकी मांग है कि इसे बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रतिमाह किया जाए। जूनियर डॉक्टरों ने सरकार से मांग पूरी करने की अपील की है।
बढ़ी मरीजों और परिजनों की परेशानी
जूनियर डॉक्टरों के अचानक हड़ताल से दूसरे दिन भी ओपीडी सेवा पर काफी असर पड़ा। इलाज कराने आये मरीज और उनके परिजनों ने काफी नाराजगी दिखी। उनका कहना है कि प्रदर्शन कोई करे और खामियाजा हमलोगों को भुगतना पड़े, यह गलत है। हमलोगों काफी दूर से आए हैं लेकिन ओपीडी में डॉक्टर्स ही नहीं हैं।