Bihar Politics: बिहार के जमुई लोकसभा के सांसद चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं। उन्होंने एनडीए का साथ तो छोड़ा लेकिन बीजेपी से बगावत नहीं की। खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान इन दिनों कुछ नर्वस दिखाई दे रहे हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उनका पूरी तरह साथ देते दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में 12 जनपथ नई दिल्ली में लोजपा संस्थापक सह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के बंगले को खाली करा दिया गया। इसके बाद जो संभवानाएं सामने आ रही हैं, वो इस दिशा की ओर इशारा कर रही हैं कि हो न हो बिहार के राजनीतिक भविष्य में तेजस्वी यादव और चिराग पासवान एक साथ दिखाई देंगे।
यहां बता दें कि चिराग पासवान का पैतृक गांव खगडि़या जिले के शहरबन्नी में हैं। वे और उनके परिवार के सभी सदस्य यहां लगातार आते रहते हैं। वहीं, रामविलास पासवान 1989 से दिल्ली के उस बंगले में रह रहे थे। लेकिन अब वो बंगला किसी और के नाम से जाना जाएगा। एक बड़ा दलित चेहरा बनकर उभरे रामविलास पासवान के बंगला खाली कराने वाला मामला उस समय और तूल पकड़ बैठा, जब एक वीडियो तेजी के साथ वायरल होने लगा। इस वीडियो में बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा जमीन में पड़ी हुई दिखाई दी। वहीं, रामविलास पासवान की फोटो भी अलग-थलग पड़ी हुई थीं। इसपर तेजस्वी ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘ताउम्र वंचितों के हितैषी और पैरोकार रहे स्व० श्री रामविलास पासवान जी का दिल्ली आवास खाली कराने गयी केंद्र सरकार की टीम ने भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति व पद्म भूषण पासवान जी की तस्वीर को अपमानजनक तरीके से सड़क पर फेंक संविधान व दलित वर्ग का अपमान करने का कुकृत्य किया है।’
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चिराग पासवान को आशीर्वाद दे चुके हैं लालू यादव
चाचा-भतीजे के बीच हुई अनबन और पार्टी में टूट के बाद, जब राजद सुप्रीमो लालू यादव से सवाल किया गया था कि क्या तेजस्वी और चिराग का गठबंधन होगा। इसपर लालू यादव ने स्पष्ट कहा कि हमारे लिए तो एलजेपी के नेता चिराग पासवान ही रहेंगे। लालू यादव ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि उनके बेटे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान के साथ बिहार में गठबंधन करें। वे चाहते हैं कि दोनों एक साथ दिखाई दें।
चाचा पशुपति पारस चाहते तो बच सकता था बंगला
कभी 12 जनपथ बंगले को रामविलास पासवान का स्मारक स्थल विकसित करने की मांग करने वाले चाचा पशुपति पारस चाहते तो यह बंगला बच सकता था। चिराग एंड फैमिली वहां पहले की तरह रह रही होती लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने साफ कर दिया कि उन्हें रामविलास पासवान की धरोहर बचाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
दरअसल, पारस चाहते तो वे बंगले को अपने नाम आवंटित करा सकते थे और पूरी फैमिली को वहां यथावत रहने दे सकते थे। इधर चिराग पासवान ने बंगला खाली करने के दरम्यान साफ कहा कि आज नहीं तो कल ये होना ही था।
अब आज नहीं तो कल और क्या-क्या हो सकता है, यो तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, इंटरनेट मीडिया पर भी चिराग एंड तेजस्वी समर्थक इस बात के पक्ष में हैं कि दोनों की जोड़ी बननी चाहिए। इस बाबत कई वीडियो और कंटेंट इंटरनेट मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं। चिराग फैन क्लब नाम के सोशल मीडिया ग्रुप्स हो या तेजस्वी यादव के ग्रुप्स, सभी जगह चर्चा का बाजार फिर एक दफा तेज हो गया है।
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