बिहार की राजधानी से हुए एक अपहरण के आरोपितों को जरा सी चूक भारी पड़ गई। बक्सर के चौसा पैक्स अध्यक्ष के बेटे मनीष को पटना के पाटलिपुत्र से अपहरण कर ले जा रहे अपराधियों की एक छोटी सी गलती ने पुलिस को ऐसा सुराग दिया जिसकी मदद से सभी पकड़े गए।
गलती से चली गई थी मिस कॉस
गिरफ्तारी के बाद अपहरण के आरोपित अंकित ने बताया कि नौ जनवरी को उनका साथी यमराज अपने मोबाइल में मनीष के पिता मनोज का नंबर सेव कर रहा था। तभी गलती से मिस कॉल चली गई थी। अचानक मनोज ने कॉल-बैक किया तो उन्होंने तुरंत मनीष को मोबाइल देकर रिसीव करने को कहा। उससे बुलवाया गया कि वह ट्रेन पकड़कर आरा लौट रहा है। पुलिस ने उस नंबर पर कॉल की तो यमराज ने खुद को पटना-मुगलसराय के बीच चाय बेचने वाला बताया पर उसके मोबाइल की लोकेशन गोपालगंज में मिली तो शक गहरा गया। यहीं से तफ्तीश शुरू कर दी गई।
गिरफ्तार संजीत चला रहा था जूम कार
गिरफ्तार संजीत ने कबूल किया कि वही जूम कार चला रहा था, जिससे मनीष को मोतिहारी लेकर जाया गया था। युवराज ने जूम कार बुक की थी, लेकिन उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था इसलिए जूम कार बुकिंग एजेंसी ने संजीत के ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी रख ली थी, जिससे उसके घर का पता मिल गया। पुलिस जब जूम कार को खोजने निकली तो मालूम हुआ कि यह गाड़ी किसी और व्यक्ति ने किराए पर ले ली है। वह व्यक्ति कार को जहानाबाद लेकर गया है। पुलिस ने उसे पालीगंज में रोक लिया था, लेकिन उस व्यक्ति की संलिप्तता सामने नहीं आई तो उसे छोड़ दिया गया।
आठ को भेजा पुलिस ने जेल
पटना पुलिस अब अपहरण में शामिल यमराज सिंह की तलाश में जुट गई है। उसके एक साथी युवराज सिंह का भी पता लगाया जा रहा है। यमराज ने मोतिहारी में मनीष को रखने की व्यवस्था की थी। वह भी छात्र है। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि यमराज के ठिकाने का पता चल गया है। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इधर, पुलिस ने मामले में गिरफ्तार किए गए आठ आरोपितों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया। अंकित कुमार उर्फ अंकित सरकार, रानू मिश्रा उर्फ रजनीश मिश्रा, शिवेंद्र कुमार चौबे, संजीत कुमार सिंह, राहुल कुमार उर्फ चरसी उर्फ आर्यन, कमल कुमार पांडेय उर्फ प्रिंस, अर्जुन कुमार उर्फ सन्नी व सृजन कुमार गुप्ता को पुलिस ने जेल भेज दिया है।