NEW DELHI: वरिष्ठ कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार (18 अगस्त) को भारत को चेताया कि दमन से कश्मीर की समस्या कभी नहीं हल हो सकती और एक आतंकवादी को मारने से दस और आतंकवादी ही पैदा होंगे। नोहट्टा इलाके के जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान एक तीखे भाषण में मीरवाइज उमर ने कहा, “आक्रामकता और दमन कभी मुद्दों को हल नहीं कर सकते, बल्कि केवल उन्हें बढ़ाते हैं।”अब दुनिया का सबसे बड़ा रक्षक बनेगा भारत, दुनिया को बचाने के लिए NASA ने मांगी ISRO की…
उन्होंने कहा, “जब तक दमन और सुरक्षा बल रहेंगे तो राज्य में प्रतिक्रिया होगी। आप एक (आतंकी) को मारेंगे तो 10 खड़े होंगे। उन्हें (आतंकवादियों को) मारना कोई हल नहीं है, इसका साक्ष्य उनके जनाजे में लोगों की भारी भीड़ का होना है।” उन्होंने कहा, “जो लोग सोचते हैं कि कश्मीर की समस्या आतंकवादियों को मारने से खत्म हो जाएगी, उन्हें यह जरूर समझना चाहिए कि आतंकवाद दमन की एक प्रतिक्रिया है।”
हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग अपनी राजनीतिक समस्या के अंतिम समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं और केवल इससे ही उनकी तकलीफें खत्म होंगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान संभव है, बशर्ते तथ्यों को ‘करुणा, मानवता और पारस्परिक सम्मान’ के साथ स्वीकार करने की इच्छा हो।
मीरवाइज ने जब कहा कि दमन कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार आत्मनिर्णय की मांग करने के अधिकार से लोगों को नहीं रोक सकता, तो भीड़ ने आजादी के समर्थन में नारे लगाए। शुक्रवार की नमाज के तुरंत बाद कुछ युवकों ने नौहट्टा में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की।
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। लेकिन, प्रदर्शनकारी बार-बार गलियों से निकलकर एकत्र हुए जा रहे थे। पुलिस ने कहा कि झड़पों में कई लोग घायल हुए। मीरवाइज का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण का स्वागत करने के तीन दिन बाद आया है। मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि न गोली से न गाली से, कश्मीर की समस्या गले लगाने से सुलझेगी। छह सप्ताह से घर में नजरबंद मीरवाइज पर से अधिकारियों ने शुक्रवार (18 अगस्त) को प्रतिबंध हटा दिया, जिसके बाद उन्होंने जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज अदा की और लोगों को संबोधित किया।