बालो को सिल्की और स्मूथ बनाने के लिए कंडीशनर करना बेहद ही जरुरी है लेकिन इसका इस्तेमाल करते समय आपको ये जानना जरुरी है की आपके बालो के टाइप के अनुसार कब और कितनी बार कंडीशनर करना चाहिए ताकि आपके बालो पर इसका बुरा असर न पड़े और बाल लम्बे समय तक सिल्की और स्मूथ बने रहे , तो देर किस बात की है आइये जानते है इसके बारे में ………
जिनके बाल पतले होते है उन्हें कंडीशनर करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। पतले बालों के टूटने और उलझने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में बालों की उलझन को दूर करने के लिए बार-बार कंघी का इस्तेमाल करने की जगह आप हर दूसरे दिन अपने बालों को कंडीशन करें। यह बालों को अधिक स्मूद बनाएगा, जिसके कारण बालों को सुलझाना आपके लिए आसान होगा। साथ ही बालों के टूटने की संभावना भी कम होती है।
अगर आपके बाल थिक हैं तो आपको कंडीशनर को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। थिक हेयर उनके हेल्दी होने की निशानी हो सकते हैं, लेकिन उनके मॉइश्चराइज्ड रखने के लिए अतिरिक्त हाइड्रेशन की जरूरत होती है। ऐसे में कंडीशनर आपके काफी काम आ सकता है। भले ही आप हर दिन हेयर वॉश ना कर पाएं, लेकिन फिर भी आपको कंडीशनर के स्टेप को मिस नहीं करना चाहिए। बस अपने बालों को गीला करें और कंडीशनर लगाएं। इसके अलावा, महीने में कम से कम एक बार एक डीप-कंडीशनिंग जरूर करें।
रूखे और बेजान बालो के लिए कंडीशनर एक वरदान है कई बार हीट, पॉल्यूशन, डस्ट और हेयर स्टाइलिंग टूल्स बालों को रूखा बनाता है। ड्राई हेयर में मॉइश्चर की कमी होती है, ऐसे में हेयर हेल्थ में सुधार करने के लिए मॉइस्चराइजिंग कंडीशनर की जरूरत होती है। आप बालों की नमी को दोबारा लौटाने के लिए हर दूसरे दिन कंडीशनर का इस्तेमाल कर सकती हैं। बालों के रूखेपन को दूर करने के लिए अपने बालों को महीने में कम से कम एक या दो बार डीप कंडीशनिंग दें। इसके लिए आप बालों के मास्क से ट्रीट करें।