गाजियाबाद में मदरसे में एक बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था. जिसके बाद आरोपी को नाबालिग समझ कर बाल सुधार गृह भेज दिया था. लेकिन अब क्राइम ब्रांच की तफ्तीश में यह खुलासा हुआ है कि गाजीपुर थाने द्वारा पकड़े गए नाबालिग आरोपी के बालिग होने के संकेत मिले हैं. इस खुलासें से साफ जाहिर होता है कि इस मामले में लोकल पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई है.
जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच को नाबालिग आरोपी की बोन ओसिफिकेशन टेस्ट रिपोर्ट मिली है. पुलिस आरोपी की इस रिपोर्ट को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश करेगी. इससे जाहिर हो रहा है कि आरोपी नाबालिग ना होकर बालिग है. वहीं पीड़ित बच्ची ने बताया है कि उसका रेप के आरोपी से कोई दोस्ताना संबंध नहीं था. उसे उसकी सहेली के नाम पर बहला कर मदरसे तक ले जाया गया, जहां उसे बेहोश कर कैद किया गया था. पीड़िता ने कहा कि आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.
पीड़िता ने बताया कि वह अपने भाई के साथ घर पर ही थी और उस दिन पीड़िता की मां उसे और उसके भाई को खाना खिलाकर दफ्तर चली गई थीं. उसी समय पीड़िता के एक दोस्त का कॉल आया. जिसमे आरोपी ने उसे घर का बहार बुलाया और फिर उसे किसी बहाने से अपने साथ ले गया और इस घटना को अंजाम दिया.
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