भारत द्वारा पाकिस्तान की सरहद में घुसकर किए गए एयर स्ट्राइक में 325 आतंकी मारे गए हैं। भारत के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने को ध्वस्त कर दिया गया। बालाकोट के इस अतांकी शिविर में आतंकियों के लिए एक साल का कोर्स चलाया जाता था। इसमें चरमपंथियों को आईईडी बनाने, बंदूक चलाने, मैप्स पढ़ने और धार्मिक शिक्षा दी जाती थी।
यहां युवकों का ब्रेन वॉश कर उन्हें फिदायीन हमलावर बनाया जाता था। इसके लिए उन्हें जंगल में जिंदा रहने, घात लगाकर हमला करने, कम्युनिकेशन, जीपीएस, नक्शे पढ़ने के बारे में सिखाया जाता था। इसके अलावा हर स्थिति से निपटने के लिए उन्हें तैराकी, तलावार चलाना, घुड़सवारी करना भी सिखाया जाता था। पिस्तौल से लेकर एके-47, एलएमजी, रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता था।
इसके बाद 1.30 बजे तक लंच होता था और दोपहर दो बजे तक नमाज पढ़ी जाती थी। कैडर को दोपहर में दो से चार बजे तक आराम करने का समय मिलता था। पांच बजे तक वे कोई खेल खेलते थे और पांच से 8 बजे तक प्रार्थना करते थे। रात में 8.30 बजे से 9.30 बजे तक डिनर दिया जाता था।