पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम एक बार फिर रण बनता जा रहा है। दरअसल, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान किया है। इसके मद्देनजर वह आज (9 मार्च) नंदीग्राम पहुंच गई हैं और कल यानी 10 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करेंगी। बता दें कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी का सीधा मुकाबला भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को 50 हजार वोटों से हराने का दावा किया है।
जानकारी के मुताबिक, ममता बनर्जी अगले तीन दिन नंदीग्राम में ही रहेंगी। इस दौरान वह आम जनता से संपर्क करेंगी और उन्हें टीएमसी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी देंगी। साथ ही, लोगों को तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में मोड़ने की कोशिश करेंगी।
नंदीग्राम में अपने भाषण के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि कोई-कोई बंटवारा करने की कोशिश करेगा, लेकिन ऐसे लोगों की बात मत सुनना। मैं अपना नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं। ममता बनर्जी बोलीं कि मैं गांव की बेटी हूं। नंदीग्राम सीट खाली हुई, इसलिए यहां से लड़ रही हूं। मैं सिंगूर और नंदीग्राम को साथ लाई हूं। दीदी ने कहा कि आपको याद रखना होगा कि मैं किस तरह यहां पहुंची हूं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में कहा कि आंदोलन के दौरान मुझ पर काफी अत्याचार हुए। मुझे नंदीग्राम आने से रोका गया, लेकिन अत्याचार के बावजूद मैं रास्ते से नहीं हटी। मैं नंदीग्राम के आंदोलन को पूरे बंगाल में ले गई। आपने मुझे स्वीकारा, इसलिए मैं नंदीग्राम आई। सिंगूर के बाद नंदीग्राम का ही आंदोलन हुआ। मैंने पहले से ही सोच रखा था कि नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ूंगी। जब आप कहेंगे, तभी नामांकन दाखिल करूंगी। मैं बंगाल की बेटी हूं, बाहरी कैसे हो सकती हूं। आप नहीं चाहेंगे तो मैं नंदीग्राम से नहीं लड़ूंगी।
ममता बनर्जी ने अपने भाषण के दौरान नंदीग्राम में हुए किसानों के आंदोलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान गोलियां चलाई गईं और लाठियां बरसाई गईं। मेरी गाड़ी पर भी गोलियां चलाई गई थीं।
रैली में भाषण के दौरान ममता बनर्जी ने चंडी पाठ भी किया। उन्होंने नंदीग्राम में मंच पर कई मंत्रों का उच्चारण किया। साथ ही, लोगों से ‘खेला होबे’ का नारा भी लगवाया।