उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने अयोध्या में मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा है कि इससे इंसाफ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि विवाद में फैसला तो आया, लेकिन न्याय नहीं मिला. मुनव्वर राना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानना अब मजबूरी है और वह इसे मान रहे हैं. लेकिन इंसाफ नहीं हुआ.
शायर मुनव्वर राना ने कहा कि वह दुखी हैं, खफा हैं. उन्होंने राम मंदिर पर आए फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोगोई और एसए बोबडे के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया.
मुनव्वर राना ने इसके साथ ही यह भी कहा कि भूमि पूजन में प्रधानमंत्री को नहीं आना चाहिए था. साथ ही मुसलमानों को भी इसमें भागीदारी दी जानी चाहिए थी, उन्हें बुलाया जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि वह शायर रहे हैं और शायरों की तरह ही अयोध्या को देखा है. बाबरी मस्जिद गिर जाने के बाद जिस इंसाफ की उम्मीद थी वह नहीं मिला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मुनव्वर राना ने मांग की है कि अयोध्या में दी गई जमीन पर राजा दशरथ के नाम से अस्पताल बनाया जाए, जबकि शिया और सुन्नी बोर्ड जैसी संस्थाओं को खत्म किया जाए. यह संस्थाएं मुसलमानों की रहनुमाई नहीं करतीं. ऐसे में देवबंद या दूसरे मुस्लिम मदारीस को साथ लेकर मस्जिद की बात की जाए. मुनव्वर राना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाबरी मस्जिद को रायबरेली में बनाया जाए.