बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इन दिनों भारत दौरे पर हैं। वह चार दिन की यात्रा पर आई हैं। ‘इंडिया इकोनॉमिक समिट’ को संबोधित करते हुए हसीना ने दक्षिण एशियाई देशों में चल रहे धार्मिक टकराव पर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की मानसिकता से ऊपर उठना चाहिए क्योंकि बहुलवाद ही इस क्षेत्र की ताकत है। बांग्लादेशी पीएम ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों को दोस्ती और सहयोग के जरिये अपनी भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रबंधन करना चाहिए और अल्पकालिक फायदों के लिए दीर्घकालिक हितों से समझौता नहीं करना चाहिए।
इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनका देश म्यांमार से आए 11 लाख शरणार्थियों के मसले को वार्ता के जरिये हल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि साउथ एशिया को ऐसे क्षेत्र के रूप में उभरना चाहिए जो आपस में जुड़ा हो, मैत्रीपूर्ण व प्रतिस्पर्धी हो और हमेशा दूसरे क्षेत्रों के साथ जुड़ने को तैयार हो।
संपर्क स्थापित करने से हमारे लिए एक दूसरे से सहयोग और व्यापार बढ़ाने के द्वार खुलेंगे। हसीना ने कहा कि जब वह अगले दशक की ओर देखती हैं तो उन्हें लगता है कि कुछ सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।
पहला, हमारे सभी समाजों के प्रत्येक व्यक्ति के लिए शांति, स्थायित्व और सद्भाव सुनिश्चित करना चाहिए। दूसरा, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे समाजों में असमानता की खाई और चौड़ी न हो। संपदा का सृजन समावेशी होना चाहिए और निचले स्तर तक पहुंचना चाहिए। बता दें कि शेख हसीना बंग्लादेश मुक्ति संग्राम के एक प्रमुख सेनानी के परिवार से आती हैं।
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