भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर दो दिवसीय बहरीन दौरे पर पहुंच गए हैं। जहां वे मनामा डायलॉग और चौथे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर मनामा डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए बहरीन के मनामा पहुंच गए हैं। उनका स्वागत बहरीन के विदेश मंत्री ने किया। इसे लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा, ‘आज शाम मनामा पहुंचकर बहुत खुशी हो रही है। अपने भाई विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल ज़ायनी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। कल मनामा डायलॉग में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि हमारा उच्च संयुक्त आयोग बहुत ही उत्पादक होगा।’
द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की होगी समीक्षा
विदेश मंत्री अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत बहरीन की यात्रा कर रहे हैं। वे 8 से 9 दिसंबर तक बहरीन में रहेंगे, जहां वे बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल ज़ायनी के साथ चौथे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस मंत्रिस्तरीय बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की जाएगी और भारत और बहरीन के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
मनामा डायलॉग के 20वें संस्करण में लेंगे हिस्सा
विदेश मंत्री 8 दिसंबर को बहरीन में IISS मनामा डायलॉग के 20वें संस्करण में भी भाग लेंगे। इस वर्ष मनामा डायलॉग का विषय है ‘क्षेत्रीय समृद्धि और सुरक्षा को आकार देने में मध्य पूर्व का नेतृत्व।’ भारत और बहरीन के बीच सौहार्दपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्कों की विशेषता वाले उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध हैं।
दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय बातचीत हुई है जो दोनों देशों के बीच संबंधों की निकटता को दर्शाती है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहरीन भारत के साथ अधिक से अधिक आर्थिक जुड़ाव की तलाश करने का इच्छुक है क्योंकि बहरीन बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्व और क्षमता को पहचानता है और हाल के दिनों में इसकी पूर्व की ओर देखो नीति में भारत एक प्रमुख धुरी के रूप में है।
दोनों देशों के बीच सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंध फल-फूल रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहरीन में 3 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं। बहरीन ने बहरीन के इतिहास और प्रगति में भारतीय समुदाय के योगदान को स्वीकार करने और चिह्नित करने के लिए नवंबर 2015 में ‘लिटिल इंडिया इन बहरीन’ परियोजना शुरू की।