बरेली का ‘खोया हुआ’ गौरव मिल गया है. 54 सालों तक लोगों की जुबान पर मौजूद गीत ‘झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में..’ को वास्तविक रूप दे दिया गया है.
14 फीट लंबा और 200 किलो वजनी झुमके को राष्ट्रीय राजमार्ग पर जीरो प्वाइंट के पास लगाया गया है. इसका उद्घटान केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया. इसकी संदुरता, साज-सज्जा और नक्काशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
झुमके को रंग बिरंगी पत्थरों से एंबेडेड कर शहर की स्थानीय जरी से कशीदाकारी की गयी है. बरेली विकास प्राधिकरण ने इसे 18 लाख की लागत से तैयार किया है. 8 लाख इसकी साज-सज्जा पर खर्च किया गया है जबकि 10 लाख रुपये एरिया को विकसित करने पर लगाया गया है.
बरेली का झुमका 1966 में आई फिल्म ‘मेरा साया’ के गाने से काफी चर्चित हुआ था. गाने की लोकप्रियता का ये आलम है कि आज भी जब ये गाना बजता है तो लोगों को अपनी ओर आकर्षित किये बिना नहीं रहता.
इसलिए बरेली आनेवाले पर्यटकों की पहली पसंद झुमका ही होता है. एक स्थायीन जेवर के दुकानदार बताते हैं कि लोग उनके पास खास तौर पर झुमका ही लेने के लिए आते हैं मगर क्या किया जाए.
बरेली का झुमका किसी दूसरी जगह के झुमके से विपरीत नहीं है. पर्यटकों को ये बात बताने पर हमें दुख जरूर होता है मगर उनकी इच्छा पूरी करने के लिए हमें कई डिजायन में झुमका रखना पड़ता है. हम अपने ग्राहकों को निराश नहीं करना चाहते.