कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदा स्थिति और देशव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने नए सिलेबस पर काम शुरू कर दिया है।

इसे लेकर NCERT ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक प्रस्ताव भी भेजा दिया है। माना जा रहा है कि NCERT के इस कदम से स्कूल शिक्षा में काफी बड़े पैमाने पर बदलाव होगा क्योंकि NCERT का ये नया सिलेबस नई शिक्षा नीति के सुधारों पर आधारित होगा।
बता दें कि NCERT की ये पूरी कवायद अगले शैक्षणिक सत्र यानि 2021 से लागू होगा। NCERT ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) की समीक्षा करने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है।
इस प्रस्ताव में NCERT ने कहा कि स्कूलों को अगले साल यानि 2021 से नया करिकुलम लागू करना है, तो उसके लिए सिलेबस में बदलाव की प्रक्रिया अभी से शुरू करना होगी।
इसके तहत स्कूल की किताबों में भी बदलाव होगा। जानकारी के मुताबिक NCERT ने आश्वस्त किया है कि अप्रैल 2021 तक नई किताबें आ जाएंगा। NCERT ने ये भी स्पष्ट किया कि नए सिलेबस में सभी सब्जेक्ट के कंटेंट में कमी की जाएगी।
बता दें कि कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति के चलते अभी तक स्कूलों में नया सत्र शुरू नहीं हो पाया है, ऐसे में कोर्स पूरा करने में होने वाली मुश्किलों को देखते हुए सिलेबस में कमी करने का फैसला किया गया था।
जानकारी के मुताबिक नए करिकुलम में नई शिक्षा नीति 2020 के सुधारों को खासतौर से ध्यान में रखा जा रहा है और उनके मुताबिक ही सिलेबस तैयार होगा।
माना जा रहा है कि मई महीने के अंत तक केंद्रीय कैबिनेट के सामने नई शिक्षा नीति का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। बता दें कि नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) स्कूलों में पढ़ाई के तरीकों और कंटेंट का ध्यान रखता है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि NCERT पहले ही 22 वर्किंग ग्रुप्स के लिए एक्सपर्ट को शॉर्टलिस्ट कर चुका है।
ये वो एक्सपर्ट्स हैं वो अलग-अलग वर्गों जैसे जेंडर एजुकेशन, एजुकेशनल टेक्नोलॉजी/आईसीटी, प्री-स्कूल एजुकेशन, टीचर एजुकेशन और असेस्मेंट इन एजुकेशन में काफी माहिर हैं।
बहरहाल माना जा रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित होने के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्टीयरिंग कमेटी, चेयरमैन और अन्य की घोषणा भी उसी समय कर देगा।
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