– इस बार का बजट पिछली बार के बजट से 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट 3.84 लाख करोड़ का था।
– प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2 हजार आठ सौ 73 करोड़ रुपये।
– सर्व शिक्षा अभियान के लिए 18 हजार 167 करोड़ रुपये।
– मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपये।
– राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान को 167 करोड़ रुपये।
– महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8 हजार 815 करोड़ रुपये।
– फल वितरण के लिए 167 करोड़ रुपये।
– सबला योजना के लिए 315 करोड़ रुपये।
– वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के लिए 250 करोड़ रुपये का आवंटन।
– सरयू नहर परियोजना को 1 हजार 614 करोड़ रुपये।
– बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए 650 करोड़ रुपये।
– 20 नए कृषि केंद्रों की स्थापना की गई है।
– मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये।
– पुल निर्माण के लिए 1 हजार आठ सौ 17 करोड़ रुपये आवंटित।
– गेहूं खरीद के लिए 5500 केंद्र खोले जाएंगे।
– आतंकवाद से लड़ने के लिए हमने एटीएस को मजबूत किया।
– 5 लाख आवासों के आवंटन का लक्ष्य है।
– अमृत योजना से सात शहरों को लाभ मिला।
– लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 500 करोड़ रुपये दिए।
– गांवों में खोले जाएंगे 100 आयुर्वेदिक अस्पताल।
– गंगा सरयू नहर परियोजना को एक हजार 614 करोड़ रुपये का आवंटन।
– पीएम मातृवंदना योजना के लिए 591 करोड़ रुपये।
– यह योगी सरकार का दूसरा बजट है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने पहला बजट 3.84 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था।
– दीनदयाल उपाध्याय मॉडल विद्यालय को 26 करोड़।
– रामायण, कृष्ण, सूफी व बौद्घ सर्किट को 70 करोड़ रुपये।
कैलाश मानसरोवर भवन का होगा निर्माण।
– माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 480 करोड़ रुपये।
– मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ रुपये।