राजस्थान के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह यादव ने दुष्कर्म के बढ़ते मामलों को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है। डीजीपी ने कहा कि कानून तो कहता है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे आपसी संबंध नहीं बना सकते हैं। यह अपराध होता है, लेकिन बच्चे उत्सुकतावश मित्रता करते हैं और आगे भी निकल जाते हैं।
राज्य में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों पर डीजीपी ने कहा कि एक नया ट्रेंड देखा जा रहा है कि आपसी झगड़े को सेट करने के लिए भी झूठे दुष्कर्म के केस किए जा रहे हैं। इसके लिए लोगों को समझाना होगा कि एक झूठे केस की वजह से सही केस भी प्रभावित होते हैं।
डीजीपी ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात पर भी ध्यान देने की है कि किस तरह से बच्चों को शिक्षित किया जाए। लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा किया जाए और उनको समझाया जाए कि वे किस तरह अपने साथ होने वाली दुर्घटनाओं से बच सकती हैं। अगर उन्हें मदद की आवश्यकता पड़े तो किसको एप्रोच कर सकती हैं। डीजीपी यादव ने इस बात पर भी चिंता जताई कि बीते कुछ सालों में हिंसक अपराध बढ़े हैं। उन्होंने इसके बहुत से कारण गिनाए हैं।
डीजीपी ने बेरोजगारी, युवाओं की बढ़ती संख्या और इंटरनेट को हिंसक अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर उपलब्ध हिंसक और अश्लील सामग्री से बच्चे बहुत प्रेरणा ले रहे हैं। डीजीपी भूपेंद्र यादव ने कहा कि कानून तो कहता है कि 18 साल से कम के बच्चे आपसी संबंध नहीं बना सकते हैं।
यह अपराध होता है, लेकिन बच्चे उत्सुकतावश मित्रता करते हैं और आगे भी निकल जाते हैं। ऐसे मामले काफी हो गए हैं। यादव ने कहा कि लड़कों और उनके परिवार को समझाया जाए। शिक्षा दी जाए कि बच्चों के आचरण को कैसे शुरू से ही नियंत्रण में किया जाए।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में राजस्थान में भी दुष्कर्म के मामले बढ़े हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है। वहीं राजस्थान में भी पिछले दिनों जयपुर, अजमेर, बारां और सीकर में दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं।
दरअसल, नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान सबसे अधिक दर्ज दुष्कर्म के मामलों के साथ राज्यों में पहले स्थान पर है। साल 2019 में, राज्य में कुल 5,997 मामले सामने आए।
राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई, जिसमें 2017 में राज्य में 3,305 मामले और 2018 में 4,335 मामले दर्ज किए गए। 2018 और 2019 के बीच दुष्कर्म के मामलों में वृद्धि की दर लगभग दोगुनी होकर 4.2 फीसदी हो गई, जो 2017 और 2018 के बीच 2.4 फीसदी थी। इसी समय, 2019 में जयपुर 517 दुष्कर्म के मामलों के साथ भारत में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में दूसरा स्थान पर आ गया है।