चाइल्ड लाइन को यह सूचना आरोपी महिला की बड़ी बहन ने दी थी। महिला का नाम सुधा तिवारी है और वह सरकारी स्कूल में अध्यापक है और उसका पति एक निजी अस्पताल में काम करता है। महिला ने उत्तराखंड स्थित मातृछाया से करीब डेढ़ साल पहले बच्चे को गोद लिया था।
महिला की बहन शोभना ने चाइल्ड लाइन को बताया कि महिला जिस दिन से बच्चे को भोपाल लाई थी, उसी दिन से उसे बच्चे के काले रंग से परेशानी थी। उसने बच्चे का काफी इलाज कराया।
करीब एक साल पहले महिला को किसी ने सलाह दी यदि बच्चे को काले रंग के पत्थर से घिसा जाए, तो वह गोरा हो सकता है। इसके बाद महिला ने बच्चे के शरीर को काले रंग के पत्थर से घिसना शुरू कर दिया। इससे बच्चे की कलाई, कंधे, पीठ और पैरों में घाव हो गए।
महिला के चंगुल से बच्चे को बचाने के बाद उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है। शोभना ने बताया कि नियम के हिसाब से मातृछाया को बच्चे के हाल-चाल पूछते रहने चाहिए थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा- मैंने सुधा को कई बार रोकने की कोशिश की, मगर तब भी उसने बच्चे को टॉर्चर करना बंद नहीं किया। इसके बाद मेरे सामने चाइल्ड लाइन और पुलिस के पास जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था।
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